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चौथा भाग : तीसरा कोष्ठक
७. णमुक्कारं पोरसोए, पुरिमड्ढेगासणेगठाणे य । आयंबिले भत्तठे, चरमे य अभिग्गहे विगइ ।।
-आवश्यकनियुक्ति ६३१५६७ कान की अपेक्षा से दस प्रत्याख्यान'(१) नमुक्कारसी, (२) पौरुषी, (३) पुरिमाई, (४) एकासन, (५) एकस्थान, (६) आचामाम्ल, (७) उपवास, (८) धरमप्रत्याख्यान, (९) अभिग्रह. (१०) निविकृति (नीवी) ।