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था भाग : तीसरा कोष्ठक .
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3. जहा खरो चंदणभारवाही, भारस्स भागो नहु दणस्स, एवं खु नाणी चरणेण हीणो, भारस्स भागी नहु सुमाईए।
-विशेषावस्या , गामा ११५८ जैसे चन्दन' का भार ढोनेवाला गदहा केवल भार का ही भागी है । बन्धन की शीतलता उसे नहीं मिल सकती। ऐसे ही चारित्रहीन झानी का ज्ञान केवल भाररूप है । यह सुगति का अधिकारी नही होता ।
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