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वक्तृत्वकला के बीज निक्कारणम् दोसा कारणमणिदोसा |
- निशीथभाव्य ५२८४
बिना विशिष्ट प्रयोजन के अपवाद दोषरूप है, किन्तु विशिष्ट प्रयोजन की सिद्धि के लिए वही निर्दोष है ।
५. एगंतेण निसेहो, जोगेसु न देसिओ विही वाऽपि । दलिअं पप्प निसेहो होज्ज विही वा जहा रोगे || - मोघनियुक्ति ५५ जिनशासन में एकान्तरूप से किसी भी क्रिया का न तो निषेध है, और न विधान ही है। परिस्थिति को देखकर ही उनका निषेध या विधान किया जाता है, जैसा कि रोग में में चिकित्सा के लिए ।