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पिलाना, (२) अग्नि में तपाकर लोह का फाला या गोला हाथ या जीभ पर रखना, (३) खाली तुला पर चढ़ाना, ( ४ ) प्रज्वलित अग्निकुंड में डालना आदिआदि । ( इसको धीज भी कहा जाता था ।)
चौथा भाग दूसरा कोष्ठक
राज्य किसे दिया जाय इस निर्णय के लिये पांच दिव्य (हथनी - घोड़ा - छत्र चामर- कृष्णा गो) प्रकट किये जाते थे । आजकल विधानसभा -लोकसभा आदि में शक्ति परीक्षार्थं सदस्यों के मत लिये जाते हैं ।