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गर्भोत्पन्न और विश्व को आनन्द प्रदानकारी सूर्य की तरह हे
अभिनन्दन स्वामी पाप मुझ पवित्र करें। ५ मेघ राजा के वंश रूपी वन में मेघ की तरह और मंगला माता
रूपी मेघमाला में मोती की तरह हे सुमतिनाथ, मैं आपको
नमस्कार करता हूं। ६ धर राजा रूप समुद्र के लिए चन्द्रमातुल्य और सुसीमादेवी रूपा
गंगानदी के कमलतुल्य हे पद्मप्रभ, मैं आपको नमस्कार करता
श्री प्रतिष्ठ राजा के कुल रूपी गह के प्रतिष्ठा-स्तम्भ रूप और पृथ्वी माता रूपो मलयाचल के लिए चन्दन तुल्य हे सुपार्श्व
नाथ ! आप मेरी रक्षा करें। ८ महासेन राजा के वंशरूपी आकाश में चन्द्रतुल्य और लक्ष्मीदेवी
के गर्भ रूपी सरोवर के हस समान हे चन्द्रप्रभु, पाप मेरो रक्षा
करिए। ९ सुग्रीव राजा के पुत्र और श्रीरामादेवी रूपी नन्दनवन की भूमि
पर उत्पन्न कल्पवृक्ष रूप हे सुविधिनाथ ! मेरा कल्याण शीघ्र
कीजिए।
१० दशरथ राजा के पुत्र नन्दादेवी के हृदय के लिए प्रानन्द रूप
और जगत् को आह्लादित करने में चन्द्रमा तुल्य हे शीतल
स्वामी ! आप मेरे लिए प्रानन्दमय बनें। ११ श्री विष्णुदेवी के पुत्र, विष्णु राजा के वंश में मुक्ता की तरह
और मोक्ष रूपी लक्ष्मी के स्वामी हे, श्रेयांस प्रभो ! आप मेरे
कल्याण के कारण बनिए। १२ वसुपूज्य राजा के पुत्र जयादेवी रूप विदुर पर्वत की भूमि पर
उत्पन्न रत्नरूप और जगत् के लिए पूज्य हे वासुपूज्य ! प्राप
मुझे मोक्ष लक्ष्मी प्रदान करें। १३ कृतवर्म राजा के पुत्र और श्यामादेवी रूप शमीवृक्ष से प्रकटित
अग्नि तुल्य हे विमल स्वामी ! पाप मेरे मन को निर्मल करिए ।