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________________ ३१८] रहता। सामने के दोनों ओर और पीछे सुन्दर चैत्य वक्ष और मारिणक्य की पीठिकाएं निर्मित हुई थीं। उससे वह अलंकार की तरह सुशोभित था । अष्टापद पर्वत के शिखर देश पर मानो मस्तक के मुकुट का माणिक्यभूषण हो और नन्दीश्वरादि चैत्य की जैसे स्पर्धा कर रहा हो ऐसा वह पवित्र लग रहा था। (श्लोक ६०८-६२८) इस चैत्य में महाराज भरत ने अपने निन्यानवे भाइयों की भी दिव्य रत्नमयी प्रतिमाएं स्थापित की और प्रभु की सेवा कर रहे हों ऐसी एक अपनी प्रतिमा भी स्थापित की। भक्ति से अतृप्त होने का यह भी एक चिह्न है । चैत्य के बाहर भगवान् का एक स्तूप भी निर्मित करवाया। उसके निकट अपने निन्यानवे भाइयों के स्तूप भी बनवाए। वहाँ आने-जाने वाले मर्यादा का भंग न करें इसलिए लोहे का एक यन्त्रमय आरक्षक पुरुष भी स्थापित किया। उस लोहे के यन्त्रमय पुरुष के कारण वह स्थान मृत्युलोक के बाहर हो इस प्रकार मनुष्यों के लिए अगम्य हो गया। फिर चक्रवर्ती ने दण्डरत्न से पर्वत को सीधा और स्तम्भ की तरह कर दिया। फलत: वह मनुष्यों के चढ़ने योग्य न रहा । फिर चक्रवर्ती ने उस पर्वत के चारों पोर मेखला की तरह जिसे मनुष्य अतिक्रम न कर सके ऐसे एक योजन व्यवधान के पाठ सोपान निर्मित करवाए । अतः इस पर्वत का नाम अष्टापद रूप में प्रसिद्ध हो गया। अन्य उसे हराद्रि (महादेव), कैलाश और स्फटिकाद्रि नाम से जानने लगे। (श्लोक ६२९-६३७) इस प्रकार चैत्य निर्माण और प्रतिष्ठा कराने के पश्चात् चन्द्र जिस प्रकार मेघ में प्रवेश करता है उसी प्रकार चक्रवर्ती ने श्वेत वस्त्र धारण कर उसमें प्रवेश किया। परिवार सहित प्रदक्षिणा देकर महाराज ने उन प्रतिमाओं का सुगन्धित जल से स्नान करवाया और देवदूष्य वस्त्र से पोंछा । उससे वे प्रतिमाए रत्नदर्पण की तरह उज्ज्वल हो गयीं। तदुपरान्त उन्होंने चन्द्रिका समूह से निर्मलाकृत गाढ़ा सुगन्धित गेरुशन्दन का रस प्रतिमा पर विलेपन किया और विचित्र रत्नों के अलंकार, दिव्य माला और देवदूष्य वस्त्र से इनकी अर्चना की। घण्टा बजाकर धप खेया जिसकी धूम्र. श्रेणी से चैत्य का अन्तर्भाग मानो नीलवल्ली से अंकित हो ऐसा
SR No.090513
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1989
Total Pages338
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size24 MB
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