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के काल व्यवधान में होंगे और प्रायु पूर्ण कर छठे नरक में जाएंगे। काशीनगर में अग्निसिंह राजा और शेषवती रानी के दत्त नामक पत्र सातवें वासुदेव होंगे। उनका शरीर छब्बीस धनुष और आयुष्य छप्पन हजार वर्ष का होगा। वे भी अरनाथ और मल्लिनाथ स्वामी के मध्यवर्ती समय में होंगे और आय पर्ण कर पाँचवें नरक में जाएंगे। अयोध्या में दशरथ राजा और सुमित्रा रानी के नारायण नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मण नामक पत्र पाठवें वासुदेव होंगे। उनका शरीर सोलह धनुष और आयु बारह हजार वर्ष की होगी। वे मुनि सुव्रत और नमिनाथ के मध्यवर्ती समय में होंगे और
अायुष्य पूर्ण कर चतुर्थ नरक में जाएंगे। ९ मथुरा नगरी में वसुदेव और देवकी रानी के पुत्र कृष्ण नवम
वासुदेव होंगे। उनका शरीर दस धनुष का और आयु एक हजार वर्ष की होगी। वे नेमिनाथ के समय होंगे और आयुष्य पूर्ण कर तृतीय नरक में जाएंगे। (श्लोक ३४०-३५७) १ भद्रा नामक माता के अचल नामक पत्र प्रथम बलदेव होंगे।
उनकी आयु पिच्चासी लाख वर्ष की होगी। २ सुभद्रा माता के विजय नामक पुत्र द्वितीय बलदेव होंगे । उनकी ____ायु पचहत्तर लाख वर्ष की होगी। ३ सुप्रभा माता के भद्र नामक पुत्र तृतीय बलदेव होंगे। उनको
अायु पैंसठ लाख वर्ष की होगी। ४ सुदर्शन माता के सुप्रभ नामक पत्र चतुर्थ बलदेव होंगे। उनकी
आयु पचपन लाख वर्ष की होगी। ५ विजया माता के सूदर्शन नामक पत्र पाँचवें बलदेव होंगे।
उनकी आयु सत्तरह लाख वर्ष की होगी।
१ बलदेव के पिता का नाम, शरीर का परिमारण, जन्म स्थान
इसलिए नहीं दिया गया कि ये सब वासुदेव के समान ही होते हैं । प्रत्येक बलदेव क्रमशः वासुदेवों के समय में ही होते हैं ।