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________________ ३०० ] पाँच लाख वर्ष की होगी । धनुष और आयु ४ हस्तिनापुर के अश्वसेन राजा और सहदेवी रानी के सनत्कुमार नामक पुत्र चतुर्थ चक्रवर्ती होंगे । उनका शरीर साढ़े उनचालीस धनुष और प्रायु तीन लाख वर्ष होगी । ये दोनों चक्रवर्ती धर्मनाथ और शान्तिनाथ के काल व्यवधान में होंगे और तृतीय देवलोक मैं गमन करेंगे । ५-६-७ शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ और अरहनाथ ये तीन तीर्थंकर चक्रवर्ती भी होंगे । = इनके बाद हस्तिनापुर में कृतवीर्य राजा और तारा रानी के पुत्र सुभोग नामक अष्टम चक्रवर्ती होंगे । उनका प्रायुष्य साठ हजार वर्ष और शरीर अट्ठाइस धनुष का होगा । वे प्ररनाथ और मल्लिनाथ के समय होंगे और सातवें नरक में जाएँगे । ९ वाराणसी में पद्मोत्तर राजा और ज्वाला रानी के पद्म नामक पुत्र नवम चक्रवर्ती होंगे। उनकी आयु बीस हजार वर्ष और शरीर बीस धनुष होगा । १० काम्पिल्य नगर में महाहरि राजा और मेरादेवी के पुत्र हरिषेण नामक दसवें चक्रवर्ती होंगे । उनकी श्रायु दस हजार वर्ष और शरीर पन्द्रह धनुष होगा । ये दोनों चक्रवर्ती मुनि सुव्रत स्वामी और नमिनाथ अर्हत के समय होंगे । ११ राजगृह नगर में विजय राजा और वप्रादेवी के जय नामक पुत्र ग्यारहवें चक्रवर्ती होंगे। उनकी श्रायु तीन हजार वर्ष और शरीर बारह धनुष का होगा। वे नमिनाथ और नेमिनाथ के काल व्यवधान में होंगे । ये तीनों चक्रवर्ती मोक्ष जाएँगे । १२ काम्पिल्य नगर में ब्रह्म राजा और चुलनी रानी के ब्रह्मदत्त नामक पुत्र बारहवें चक्रवर्ती होंगे । उनकी आयु सात सौ वर्ष और शरीर सात धनुष का होगा । वे नेमिनाथ और पार्श्वनाथ के काल व्यवधान में होंगे और रौद्र ध्यान में मृत्यु वरण कर सातवें नरक में जाएँगे । ( श्लोक ३२६-३३७) इस प्रकार तीर्थंकर और चक्रवर्तियों के विषय में बताकर
SR No.090513
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1989
Total Pages338
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size24 MB
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