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________________ १७६] तटरूपी प्रथम प्रहर व्यतीत हुआ। (श्लोक ६५७-६६६) उस समय छिलके रहित अखण्ड और उज्ज्वल शालि द्वारा प्रस्तुत थाल में रखा हुआ चार प्रस्थ (सेर) बलि समवसरण के पूर्व द्वार से भीतर लाया गया। देवताओं ने उसमें सुगन्ध चर्ण निक्षेप कर द्विगुण सुगन्धित कर दिया। प्रधान पुरुष उस बलि को वहन कर लाए थे। भरतेश्वर ने उसे तैयार किया था। बलि के आगे दुन्दुभि बज रही थी । दुन्दुभि के घोष से दिशाओं के अग्रभाग प्रतिध्वनित हो रहे थे। बलि के पीछे मंगल गाती हुई पुर-स्त्रियां चल रही थीं मानो प्रभु के प्रभाव से उद्गत पुण्य-समूह इस प्रकार चारों ओर से पुरवासियों के द्वारा परिवत था। फिर कल्याण रूपी धान बीज की तरह उस बलि को प्रभु के चारों ओर प्रदक्षिणा देकर उछाला गया। मेघ वारि को जिस प्रकार चातक ग्रहण करता है उसी प्रकार आकाश से गिरते हुए उस बलि को देवताओं ने अन्तरिक्ष में ही ग्रहण कर लिया। जमीन पर गिरने पर उसका अर्द्ध भाग राजा भरत ने लिया और अवशिष्ट को एक ही परिवार के लोग हों इस प्रकार सबों ने बांट लिया। उस बलि के प्रभाव से पूर्व रोग नष्ट हो जाता है और नवीन रोग छह मास तक नहीं होता। (श्लोक ६६७-६७४) फिर सिंहासन से उठकर प्रभु उत्तर पथ से बाहर आए। कमल के चारों ओर जिस प्रकार भ्रमर गुञ्जन करता है उसी प्रकार समस्त इन्द्र प्रभु के साथ-साथ चले । रत्नमय और स्वर्ण मय वप्र के मध्य भाग में ईशान कोण स्थित देवछन्द पर प्रभु विश्राम लेने के लिए उपवेशित हुए। उसी समय भगवान् के मुख्य गणधर ऋषभसेन ने भगवान् के पादपीठ पर बैठकर धर्मोपदेश देना प्रारम्भ किया। कारण, इससे एक तो प्रभु की क्लान्ति दूर करने का प्रानन्द मिलता है, दूसरे में शिष्य का गुण प्रकाशित होता है और परस्पर प्रतीति होती है। गणधर उपदेश के ये तीन गुण हैं । जब गणधरों का उपदेश समाप्त हुआ तब सब प्रभु को वन्दना कर अपने-अपने स्थान को लौट गए। (श्लोक ६७५-६७९) इस प्रकार तीर्थ स्थापित होने के पश्चात् गोमुख नामक जो यक्ष प्रभु के निकट रहता था वह अधिष्ठायक देव वना। उसके चार हाथ थे। दाहिनी ओर के दोनों हाथों में से एक हाथ वरद मुद्रा में (पलो
SR No.090513
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1989
Total Pages338
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size24 MB
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