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________________ [१४७ कुलिश, वसिष्ठाश्रम, द्रविणजय, सभद्रक, भद्राशयपुर, फेनशिखर, गोक्षीरवर शिखर, वैर्य क्षोम शिखर, गिरि शिखर, धरनी, वारनी, सुदर्शनपुर, दुर्ग, दुर्द्धर, माहेन्द्र, विजय, सुगन्धित सूरत, नागरपुर और रत्नपुर | धरणेन्द्र की आज्ञा से विनमि गगन वल्लभ नगर में निवास करने लगे । यह नगर समस्त नगर के मध्य भाग में अवस्थित था । (श्लोक १९६-२०८) विद्याधरों की महावैभवशालिनी दोनों प्रोर की नगर श्रेणियाँ उसी प्रकार शोभा पा रही थीं जैसे उसके ऊपर व्यन्तर श्रेणी का प्रतिबिम्ब पा रहा था । उन्होंने ग्रन्य अनेक ग्राम बस्ती एवं उपनगरों की स्थापनाएँ कीं । स्थान और योग्यतानुसार उन्होंने प्रौर भी जनपदों के निर्माण किए। जिस-जिस जनपद से लाकर लोगों को वहाँ बसाया गया उन्हीं लोगों के नामानुसार उन जनपदों का नाम रखा गया । समस्त नगर में नमि और विनमि ने जिस प्रकार शरीर में हृदय रहता है उसी प्रकार सभात्रों में नाभि नन्दन की मूर्तियाँ स्थापित कीं । ( श्लोक २०९ - २१२) विद्याधरगरण विद्या के कारण उन्मत्त होकर प्रविनयी न हो जाएँ इसलिए धरणेन्द्र ने कुछ नियम प्रवर्तन किए। विद्या के मद में वे जिनेश्वर, जैन मन्दिर, चरमशरीरी और कायोत्सर्ग स्थित मुनियों की अवमानना न करें । यदि करेंगे तो आलस्यपरायण व्यक्ति का जिस प्रकार लक्ष्मी परित्याग कर देती है उसी प्रकार विद्याएँ उनका त्याग कर चली जाएँगी । और जो विद्याधर किसी पति-पत्नी की हत्या करेंगे या किसी स्त्री के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध बलात्कार करेंगे तो उसकी विद्या उसे उसी मुहूर्त में त्याग देगी । नागपति ने यह आदेश उच्च स्वर से उन सबको सुनाया और इनको सर्वदा पालनीय बतलाकार रत्नों की दीवारों पर प्रशस्ति की तरह खुदवा दिया। फिर नमि और विनमि को विधिवत् राजा बनाकर एवं ग्रन्य प्रयोजनीय व्यवस्था कर वे वहाँ से लौट गए । (श्लोक २१३-२१८) I अपनी-अपनी विद्यात्रों के नाम पर विद्याधरगरण सोलह जातियों में विभाजित हो गए । यथा, गौरी विद्या वाले गौरेय मनु विद्या वाले मनुपर्यक, गान्धारी विद्या वाले गान्धार, मानवी विद्या वाले मानव, कौशिकी पूर्व विद्या से कौशिकीपूर्वक, भूमितुण्ड विद्या
SR No.090513
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1989
Total Pages338
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size24 MB
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