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________________ पापा : ८९.-६६१ नरतियंग्लोकाधिकार ६७७ पर। बरमध्यमजयन्याना गामोन निस्सहमेशा fer: २.० चापाः पाशस्पश्चाशदूमबापाच १५० । १०० | तास गापास्तु खकोवपासवशमभागः स्यात् २०॥ १५ ॥ १० ॥are u गापा:- उत्कृष्ट, मध्यम और जघन्य वापिकाओं का विस्तार चौड़ाई क्रमशः वो सौ धनुष और पचास पचास धनुष कम अर्थात् डेढ़ सौ और सौ योजन प्रमाण है, तथा गान (गहराई) अपने अपने व्यास के दावें भाग प्रमाण है ।। ८८९ ॥ विशेषार्थ:-उत्कृष्ट बावड़ियों की चौड़ाई २०० धनुष तथा गाध (२९) २० धनुष प्रमाण है। इसी प्रकार मध्यम बावड़ियों का विस्तार १५० धनुष और गाष १५ धनुष तथा अन्य पावड़ियों का विस्तार १०० धनुष और गाघ ( गहराई ) १० धनुष प्रमाण है। वासुदयादीहत्तं जहष्णपासादयस्स चावाणं । पण्णपणसदरिसय मिह दारे छब्बार चउगाढो ।।८९०॥ मझिमउकस्साणं विगुणा तिगुणा कमेण वासादी । दोदोदारा मणिमय गणकीडादिगेहावि ।। ८९१॥ ध्यासोदयदीर्घत्वं जघन्यप्रासादस्थ चापानां । पञ्चाशत्पश्चसप्ततिशत इह द्वारे षट् द्वादश चतुर्गाढः ॥१६॥ मध्यमोत्कृष्टानां द्विगुणास्त्रिगुणा क्रमेण व्यासादिः। द्वितिद्वारा मणिमया ननिकीमादिगेहा अपि ॥ ११ ॥ वासु । जघन्यप्रासाबस्य ज्यासोक्यदोपत्वं यासंख्यं पञ्चाशव ५० पञ्चसप्तति ७५ शत १. चापाः। वह वारे व्यासोदयौ षट् ६ द्वारश १२ पापी तनावस्तु चतुश्चामा ।। ८६० ॥ मझिम । मध्यमोकप्रासाना व्यासावया क्रमेण जघन्यव्यातादेटिगुणास्त्रिगुणाव भवन्ति तद्वारेऽपि तथा ते जघन्यादयः प्रासावा द्विद्विद्वाराः तत्र मणिमया मसनकोडाविगेहा प्रपि च भवन्ति' || E६१॥ ___ गाथार्थ:-जघन्य प्रासादों की चौड़ाई ( ध्यास ), ऊंचाई ( उदय ), और लम्बाई क्रमशः पवास, पचहत्तर और एक सौ धनुष प्रमाण है । इनके द्वारों की चौड़ाई ६ धनुष, ऊंचाई बार धनुष और गाघ चार धनुष प्रमाण है। मध्यम एवं उनकृष्ट प्रासादों का ब्यासादिक जघन्य प्रासादों के व्यासादिकों से यथाक्रम दुगुणा और तिगुणा है। उनके द्वारों का व्यासादिक भी जघन्य प्रासाबों के द्वारों के व्यासादिक की अपेक्षा दुगुणा तिगुगणा है । जघन्यादि प्रासाद दो दो दरवाजों से संयुक्त तथा नृत्यगृह और कीड़ागृह आदि की रचना से सहित हैं ॥६०, ८९१ ।। १ सन्ति ( ब०, प.)।
SR No.090512
Book TitleTriloksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Ratanchand Jain, Chetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages829
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size19 MB
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