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त्रिलोकसार
गापा: ८२९-41.
वेदमो चापाणं सीदी तिसु दसयहीण पणदालं । नवदुगनीसं सोलं दस बलकेसव समत्तर्ण ।। ८२९ ।। देहोदयः चापानां अशीतिः त्रिषु दशहीन पश्चचत्वारिंशत् ।
नवतिकविंशतिः षोडश दशवलकेशवाना सशत्रूणां ।। ८२९ ॥ । माग पलकेशधामारीरोत्सेधो यथासंख्यं पशोति ६० चापानि, ततरित्रषु पशवशहोनानि ७० । ६० । ५० ततः पञ्चमवारियात ४५ नविशति:२६ वाविशतिः २२ षोडश १ ब १० बनू वि भवन्ति ।। ८२६॥
अब बलदेवादि तीनों का उत्सेष कहते हैं:__ गाथार्ग :-बलदेव, नारायण और प्रतिनारायणों के शरीर का उत्पेय प्रयमादिक के क्रम से ८० धनुष, तीन में दस इस धनुष हीन अर्थात ... ६० और १० अनुष, ४५ धनुष, २९, २२, १६ और १. धनुष प्रमाण था ॥ १२६ ।।
विशेषाय :-बलदेव, वासुदेव और प्रतिवासुदेव इन तीनों के शरीर की ऊंचाई समान ही होती है। प्रथम बलदेव, नारायण और प्रतिनारायण के शरीर की ऊंचाई ८० धनुष प्रमाण थी। इसके बाद द्वितीयादिक की पथाकम ७०, ६०, ५०, ५५, २६, २२. १६ और अन्तिम की १० धनुष प्रमाणु थी।
अब वासुदेवप्रतिवासुदेवानामायुष्यमाह
मम चुललीदि वहरि पट्टी तीस दम लक्ख पणसट्ठी । रचीसं बारेकं सहम्ममाउम्समद्धचकीणं ॥ ८३० ॥ ममा चतुरशीतिः वाममति: पष्टिः त्रिंशत् दश लक्षाणि पञ्चषष्टिः ।
द्वात्रिंशत् द्वादशाक सहर' आयुष्यमचक्रिणाम् ॥ ३० ॥ सम। पर्षण वासुदेवाना प्रतिवासुदेवानामापुष्यं चतुरशीतिसक्षपर्वाणि ४ ल. nanलक्षवर्वाणि ७२ पहिलावर्षाणि ६० त्रिशल्लमवर्षागि ३० शसक्षवर्धारित १० पाहिलाहन ६१००० वर्षाणि दानिशसहस्रवर्षाणि ३२००० वाहनवर्षाणि १२०० एकसहस्रवर्षाणि १०.० मन्ति ॥५३ ॥
अ वासुदेव और प्रतिवासुदेवों की आयु का प्रमाण कहते हैं :--
पायार्थ :-दोनों की आयु सदृश ही होती है। प्रपमादिक के कम से इनकी आयु यषाकम २४ लाश , २ लाख वर्ण, ६. लाख वर्ण, ३० लास वर्षा, १० लाख वर्ष, ६५ हजार वर्ण, ३२ हजार वर्ण, १२ हजार वर्षे और एक हजार वर्ष प्रमाण थी॥1॥