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________________ 3 पाया : ८२४ क्रमाक फुलकरों के नाम २ सन्मति ३. क्षेमङ्कर ४ क्षेमन्धर १ प्रतिश्रुति १५०० पल्य प धनुष ᄃ नरतियं ग्लोकाधिकार कुलकरों, तीर्थङ्करों ओर चक्रवर्तियों के नाम - उत्सेध एवं प्रयु आदि - तीर्थंकरों के चक्रवर्तियों के चक्षुष्मान उस्सेध आयु 2. यशस्त्री ५ सीमङ्कर ७५० ६ सोमन्धर ७२५ ७ विमलवाहन ७०० १३०० ८०० १२ मरुद्द व | ६७५ ७७५००ः ६५० १० अभिचन्द्र ६२५ ११ चन्द्राभ ६०० T ५७५ | १३] प्रसेनजित् ५५० नाभि पल्य 100 पश्य 아이 पल्य पल्प १ लाख पल्य १० ला० क्रमाक नाम १ २ अजित वृषभ १ ला. क. सुपाश्वं ८ चन्द्र ९ पुष्प १० शीतल | ११ श्रेयांस ३ सम्भव ४ अभिनंदन ३५० ५० ७. मुमत २०० ४० ६ पद्म पल्य ११ करोड १२ वासपूज्य पल्य १३ विमल १०करोड़ १४ अनन्त १५ धर्म पल्य | १०० क० ११६ शान्ति पल्य १००० क १७, कुन्थ | पल्य १८ मरह १०. क. १६ मि पल्य उसे ध धनु आयु मं | ५०० ८४ला. पू. भरत ५२४ पूर्व कोटि २३ पाश्र्वप्रभु धनुष वर्ष २४ वर्धमान I ४५०७२ १५. ॐ 800 to 1 २५० ३०० " २०० २० ૪. | ३५ 4 १५० | १०४ END २. " Eo ?" " ८० ८४ वर्ष ४ १. ७० ७२.७ ६० ६०० ५० २० 77 ४५ १०, ३०८ २५५५ २० मुनिसुव्रत । १० ३० १० " २१ नमि पश्य | १०ला. २२ नेमि १" " ९५ हजार वर्ष " 1 SP १५ १०० " | १० { " " ६ हाथ १०० वर्ष u g་༥། ७२ " नाम उत्सेध आयु २ सगर ४५०७२ 8 ३ मघवान् ४२ ३५ वर्ष ४ सनत्कु० ४१३ ३ ५ शान्ति ४० घ कुन्धु | ५०० ८४ लाख मोक्ष धनुष पूर्वं । ११ ७ अरह ३० ४ १" " ३५. ९४ हजार वर्ष ८ सुभीम २८ ६०" १५ " | १२ ब्रह्मदत्तं ७ धनुष जय प्राम गति 庐 24 ” स्व‍ ६४५ महापद्म, २२ ३ " " मोक्ष: हरिषेण २०० १० ०" नरक ९निधियों नानारत्न ३ माणवक, ४ पिङ्गल, ५ नैसर्प, ६ पद्म, ७ पाण्डु = शख और नापति, गृहपति, स्थपति, पुरोहित, गज, अश्व, युवति, का करणी रत्न, चूड़ामणिरत्न, चर्मरन, अखि, दण्ड, छत्र, चक्र १४ रन १ काल. २ महाकाल, " """ ७०० वर्ष ७ नरक
SR No.090512
Book TitleTriloksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Ratanchand Jain, Chetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages829
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size19 MB
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