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________________ त्रिलोकसार गाषा: ७३१ विशेषार्थ:-जम्बूद्वीप में ३११ पर्वतों की ३११ ही मणिमय वेदिया है। सथा . कुण्डों की ६० और १६ द्रहों की २६ ही मणिमय घेदिया हैं। नदियों के अपने प्रमाण से वेदियों का प्रमाण दूना है। इसी कहे हुए अर्थ का विशेष वर्णन करते हैं :-जम्बूद्वीप में । सुदर्शन मेथ, ६ कुलाचल, ४ यमकगिरि, २०० काञ्चन पर्वत, ८ क्षिगज पर्वत, १६ वक्षार पर्वत, ४ गजदन्त, ३४ विजयाध पर्वत, ३१ वृषभाचल और ४ नाभिगिरि हैं, इन सबका योग करने पर (१+६+-४ + २००+++१६+४+ ३४+३४+४-३११ पर्वत होते हैं। गङ्गा, सिन्धु, रोहित् रोहितास्या आदि चौदह महान दियाँ कुलाचल पर्वतों से जहां नीचे गिरती हैं, वहाँ { नीचे ) कुण्ड हैं जिनकी संख्या १४ है। बारह विभङ्गा नदियों के उत्पत्ति कुण्डों को संख्या १२, बत्तीस विदेह देशों में से प्रत्येक देश में गंगा सिन्धु समान दो दो नदिया कुण्डों से निकलती हैं, अतः वहाँ के कुण्डों का प्रमाण ६४ है, इस प्रकार गे पट ! १५:-६ E से है। छह फुलाचलों पर ६ ह्रद, सोता नदी में १. और सीतोदा नदी में भी १० इस प्रकार कुल ह्रयों की संख्या (+१+१० }=२६ है। भरतरायत क्षेत्र स्थित गंगा सिन्धु, रक्ता और रक्तोदा इन चार महानदियों में से प्रत्येक की परिवार नदियाँ १४०.. हैं, मत। अपने गुणकार का गुणा करने पर कुल प्रमाण ( १४०००x४)= ५६.५. हुआ । हेमवत और हैरण्यवत क्षेत्र स्थित रोहित रोहितास्या, स्वर्णकूला और रूप्यकला, इन प्रत्येक की सहायक २८.०. नदियाँ हैं, अतः परिवार नदियों का कुल प्रमाण (२८...xr)=११२.०. हमा । हरि और रम्यक क्षेत्र स्थित हरित, हरिकाता, नारी और नरकान्ता. इन प्रत्येक की परिवार नदियो ५६००० हैं अत: उनका कुल प्रमाण ( ५६.००x४) = २२४००० हुआ। देवकुरु उत्तरकुरु स्थित सीता-सीतोदा में प्रत्येक को परिवार नदियो ५४००. हैं, अतः उनका कुल प्रमाण ( २४...x २)= १६८००० हुआ। बारह विभङ्गा नदियों में प्रत्येक की परिवार नदियाँ २८. हैं, अतः १८००.४१२= ३३६... परिवार नदियों का प्रमाण हआ। बत्तीस विदेह देशों में गंगा-सिन्धु, रस्ता और रक्तोदा नाम को ६४ नदियाँ हैं, तथा प्रत्येक की परिवार नदियाँ १४००० हैं, अत: इनको परिवार नदियों का कुल प्रमाण ( १४०००४ ६४)-८९६००० हुआ। इन सम्पूर्ण परिवार नदियों का योग करने पर (५६०.०+११२.००+१२४००० + १६८०००+ ३३६००+६६.०.)-१७९२००० कुल प्रमाण प्राप्त हुआ। यहाँ गुणकार स्वरूप मुख्य नदियों का प्रमाण (४+४+४+२+१+ ६४ }=९. है । परिवार नदियों के प्रमाण में इन मुख्य नदियों का प्रमाण मिला देने पर ( १७९२...+९.)= १७६२०६. जम्बूद्वीप स्थित सम्पूर्ण नदियों का प्रमाण प्राप्त हुआ।
SR No.090512
Book TitleTriloksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Ratanchand Jain, Chetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages829
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size19 MB
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