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पापा । १७३-७४
नरतियंग्कोकाधिकार
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कमलों पर निवास करने वाली देवियों के नाम, आयु गौर उनके परिवार के सम्बन्ध में
पाथाय :-धी, ह्री, धृति, कीति, बुद्धि और लक्ष्मी ये ग्रहों देवाङ्गनाएं एक एक पल्य को आयु वाली हैं। ये देवांगनाए पद्मादि द्रह सम्बन्धी कमलों पर निवास करती हैं। उन्हीं पनादि दद्दों में एक एक कमल के १, ४०, ११५ परिवार कमल हैं। अथ परिवारकमलस्थितं श्रीदेवीनां परिवारं गाथाचतुष्टयेमाह
माइञ्चचंदजपहदीमो निप्परीसमग्गिजमणिरुदी । बक्षीसताल अहदाल सहस्सा कमलममरसम ॥ ५७३ ।। आदित्यचन्द्रजतुप्रभृतयः त्रिपारिपदाः अग्नियमनैऋत्यां ।
द्वात्रिंशत् चत्वारिंशत् अष्टचत्वारिपात्सहस्राणि कमलानि अमरसमानि ।।५७॥ पाइन्छ । प्रादित्यचन्द्रजातुप्रमृसयस्त्रय: पारिषद वाः क्रमेणाग्नियमनैऋत्या विशि तिष्ठरित सेषां संस्था द्वानिशसहस्राणि चत्वारिशसहस्राणि प्रचत्वारिंशरसहस्राणि भवन्ति कमलानि चामरसमानि ॥ ५७३ ॥
जन परिवार कमलों में स्थित श्री देवी के परिवार का प्रमाण चार गाथाओं द्वारा ' कहते हैं :
गाथार्य :--आदित्य, चन्द्र और जतु हैं आदि में जिनके ऐसे तीन प्रकार के पारिषद देव (मूल कमल की ) आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में रहते हैं । इनका प्रमाण क्रमशः बत्तीस हजार, चालीस हजार और अड़तालीस हजार है। इनके कमल देवाङ्गना के कमल सदृश ही हैं ।। ५७३ ।।
विशेषार्ष:-मादित्य नामक देव है प्रमुख जिसमें ऐसे आभ्यन्तर परिषद् के ३२००० देवों के ३२००० भवन श्री देवी के कमल को आग्नेय दिशा में हैं। ये एक एक भवन एक एक कमल पर बने हुए हैं। इसी प्रकार चन्द्र नामक देव है प्रमुख जिसमें ऐसे मध्य परिषद् के ४०००० देवों के ४०... कमलों पर ४.००. 'ही भवन श्री देवी के कमल को दक्षिण दिशा में स्थित है, तथा जतु नामक देव है प्रमुख जिसमें ऐसे बाह्य परिषद् के ४८००, देवों के ४८००० कमलों पर ४८०.. ही भवन हैं जो पर द्रह की श्री देवी के कमल की नैऋत्य दिशा में स्थित हैं। इन सभी देवों के भवन जिन कमलों पर स्थित हैं वे कमल श्री देवी के कमल सरश हो है।
आणीयगेहकमला पच्छिम दिसि सग गयस्सरहवसहा । गंघठवणच्चपची पत्यं दुगुणसत्तकावजुदा ।। ५७४ ।।
आनोकगेहकमलानि पश्चिमदिशि सप्त गजाश्वरथकृषभाः। गम्वनृत्यपत्तयः प्रत्येक द्विगुणसप्तकमयुतः। ॥ ५७४ ।।