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पाषा। ३१५-३१४
ज्योतिलॉकाधिकार
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अथ तरक्षेत्रफलस्य सिद्धांक मुझचारयति
पण्णासमेक्कदालं णव छप्पण्णाससुण्णणयसदरी । साहियकोसं च हवे अंबदीपस्स सुहुमफलं ।। ३१३ ।।
पञ्चाशदेकत्वारिशन्नवपट् पञ्चाशच्छ्न्यं नवसप्ततिः ।
साधिकको शश्च भवेजम्बूद्वीपस्य सूक्ष्मफलम् ॥ ३१३ ।। पएणशावामागी ... १४२५ मालिक कोश १ ॥ ३१३ ॥ इसो जम्बूद्वीप के मक्ष्म क्षेत्रफल के सिद्ध हुए अंक कहते हैं :
गाथार्थ :-७९०५६९४१५० योजन और साधिक एक कोपा जम्बुद्वीप के सूक्ष्म क्षेत्रफल का प्रमाण है 1॥ ३१३ ॥ अथ जम्बूद्वीपस्य परिधिमाधार कृत्वा विवक्षितपरिध्यानयने करणसूत्रमिदम -
जंग उभयं परिही इच्छियदीउवहिसह संगुणिय । जंववासविभत्ते इच्छियदीउवहिपरिही दु ।। ३१४ ॥ जम्बूभयं परिधो इच्छितद्वीपोदधिसूच्या सगुण्य ।
जम्बूब्यासविभक्त ईप्सितद्वीपोदधिपरिवी नु ॥ ३१४ ॥ जंबू । जम्बूद्वीपस्योभमपरिधी म्यूल ३ ल. सूक्ष्म पो. ३१६२२७ को०३० १२८ पंगुल १३ भादप्सितदीपोरधिसूच्या लवणे ५ ल० धातकोखणजे १३ ल. संगुष्य १५ ल. ल. स्पू० १५८११३६ ल.ल. सूक्ष्मजम्बूग्यासविभक्त १५ ल०। १५८११३६ ल• ईप्सितद्वीपोध्योः परिधी भवतः ॥३१४ ॥
जम्बूद्वोप की परिधि का आधार करके विवक्षित परिधि लाने के लिये करणसूत्र :--
गापार्ष:--जम्बद्वीप की स्थूल एवं सूक्ष्म परिधि को विवक्षित द्वीप अथवा समुद्र के सूचीव्यास से गुणित कर जम्बूद्वीप के व्यास का भाग देने पर विवक्षित द्वीप एवं समुद्र को स्थूल एवं मुक्ष्म परिधि होती है ॥ ३१४ ।।
विशेषाएं :-जम्बद्वीप की स्थूल परिधि तीन लास्न योवन और सक्षम परिधि ३१६२२७ योजन, ३ कोश, १२८ धनुष और साधिक १३३ अंगुल है, तथा लवणसमुद्र और धातकी खण्ड विवक्षित समुद्र एवं दीप हैं। लवण समुद्र का सूची व्यास ५ लाख योजन है, अतः ३ ला.४५ ला १५ ला ला योजन हये, इसमें जम्बद्वीप के व्यास का भाग देने पर { १५ ला ला.१लाख )- १५ लाख योजन लवए