________________
२६०
त्रिलोकसाच
पाथा : ३१२ ३१६२२७ संख्या से अपवर्तित करने पर २ अस झाते हैं, शामिया ३ प्रात मा ( साधिक १३३)।
जम्बुद्रोप की राक्षम परिधि ३१६२२७ योजन ३ कोश १२८ धनुष साधिक १२: अंगुल प्रमाण हुई।
स्थल क्षेत्रफल :-स्थल परिधि को व्यास के चौथाई से गुणित करने पर स्थूल क्षेत्रफल होता है । जम्बूद्वीप को स्थूल परिधि तीन लाख योजन को व्यास के चतुर्थ भाग अर्थात् २५००० से गुणित करने पर ( ३००.०० ४ २५०००)= ७५.००...... सात सौ पचास करोड अर्थात् सात अरब पचास करोड़ वर्ग योजन जम्बूद्वीप का स्थल क्षेत्रफल प्राप्त हुआ।
सक्ष्म क्षेत्रफल :--सक्षम परिधि में व्यास के चौथाई का गुणा करने से सूक्ष्म क्षेत्रफल प्राप्त होता है। जैसे :- सूक्ष्म परिधि ३१६२२७ योजन, ३ कोश, १२८ घनुष, साधिक १३, अंगुल x २५.०० यो० ( व्यास का चतुथं भाग)। ३१६२२७ ४ २५००० योजन= ९.५६७५००० योजन । ३ कोश x २५००० योजन =७५००० कोश + ४ = १८७५० योजन । १२८ दण्ड ४२५००० योजन = ३२०००.० २०००=१६०० कोश : ४= ४०० योजन १३३ अर्थात् ३१४ २५००० ---३३७५०० अंगुल =
कोश १५१५ धनुप २ हाथ और १२ अं० अथवा ३३७५०० - १९२०.० अंगुल = साधिक १ कोश । ७९०५६७५०००+१२५०+४०० =७९०५६९४१५० योजन १ कोश १५१५ घनुष, २ हाथ और १२ अंगुल जम्बूद्वीप का मम क्षेत्रफल हा। इसो प्रकार सर्व द्वीप समुद्रों का स्यूल और सूक्ष्म क्षेत्रफल निकाल लेना चाहिए। मथ जम्बुद्वीपस्य सूक्ष्मपरिधे। सिद्धाङ्कमुच्चारयति
जोयणमगदुदु बक्किमि तिदयं तिक्कोममगि दंडो। अहियदलंगुलतेरस जंबुए सुहुमपरिणाहो ॥ ३१२ ।। योजनानां सप्ततिति षडेक त्रयं त्रिकोशा अष्टद्वयं के दण्डाः।
अधिकदलांगुल त्रयोदश जम्बो सूक्ष्मपरिणाहः ॥ ३१२ ॥ जोमण। योजनानां सप्ततितिषलेकत्रया त्रयः कोशाः मष्टाय के दण्डाः पषिकदलानि प्रयोदशगुलानि एतत्सर्व जम्बूद्वीपस्य सूक्ष्मपरिषिप्रमाणं भवतियो० ३११२२७, को-३, २०१२८, ० १३५ ॥ ३१२ ॥
जम्बूद्वीप की सूक्ष्म परिधि के सिद्धाङ्क कहते हैं
गाथार्ष :-( सप्त ) ७ (द्वि) २ (द्वि) २ ( षड ) ६ ( एक ) १ ( त्रयं ) ३ अर्यात ३१६२२४ योजन, ३ कोश, १२८ धनुष और साधिक १३६ पंगुल जम्बूद्वीप की सूक्ष्मपरिधि का प्रमाण है ॥३१२।।