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________________ १२४ त्रिलोकसार पापा:२४८ अङ्गरक्षक, आरोहक एवं वाइन देवों की आयु उपयुक्त प्रमाण से कुछ अधिक होती है । नागकुमार, गरुड़कुमार और शेष इन्द्रों के उपयुक्त पदधारो देवों की आयु क्रम से एक पूर्वकोटि, और एक करोड़ वर्ष, एक करोड़ वर्ष और एक लाख वर्ष, एक लाख वर्ष और अध लाख वर्ष प्रमाण होती है। चमरद्विक इन्द्रों के तीनों पारिषद देवों की आयु क्रमशः अढ़ाई पल्प और तीन एल्य, दो पत्य और अढ़ाई पल्य, तथा हेद पल्य और दो पल्प होती है 1 नागकुमार के पारिषद् देवों की कम से पल्य के आठवें भाग (६)पश्य के सोलहवें ( 1 ) भाग और पल्म के बत्तीसवें () भाग प्रमाण आयु होती है। गरुड़कुमारेन्द्रों के अभ्यन्तरादि तीनों पारिषदों की एवं शेप इन्द्रों के तीनों पारिषद देवों को आयु कम से तीन पूर्व कोटि, दो पूर्व कोटि और एक पूर्व कोटि तथा तीन करोड वर्ष, दो करोड़ वर्ष और एक करोड़ वर्ष मात्र होती है ।।२४४-२४७।। विशेषा:-अंगरक्षकादि देवों की उत्कृष्टायु निम्न प्रकार है - | अङ्गरक्षकों की सेनामहनरों की प्रारोहक और वाहन आयु । आयु । की आयु अभ्यन्तर मध्य प. बाझप. प.की आयु | की आयु | की आयु १चमर एक पल्य एक पल्य २पक्ष्य अचं पल्य २३ पल्य ३ पल्य २ रोचन कुछ अधिक ? | साधिक साधिक ,, , पल्य १ भूतानंद एक पूर्व कोटि एक पूर्व कोटि ! करोड़ वर्ष | पल्य का : भाग | भाग ४ धरणानंद साधिक र पूर्व को साधिक , , . साधिक ! " " साधिक : भा० सा. सा. ५ वेणु एक करोड़ वर्ष | १ करोड वर्ष १ लास्म वर्ष । पूर्व कोटि २ पूर्ण कोटि पूर्व कोटि ६ वेगुपारी साधिक १ करोड सा० १ करोड़ स:धिक १ लाख वर्ष साधिक ३ .. .. सा. ...., सा ," ७ शेष इन्द्र एक लाख वर्ष | १ लाख वर्ष | अर्ध लाब वर्ष | ३ करोड़ वर्षे २ करोड़ वर्ष १ करोड वर्ष वर्ष लास वष असुरादीनामुच्छ वासाहारक्रम कथयति-- मसुरे तितिसु सासाहारा पकावं समासहस्सं तु । सहुचदिणाणद्धं तेरस पास दलूण? ।२४८।। असुरे त्रिस्त्रिा श्वासाहारी पक्षं समासहस्त नु। ममुह दिनयोः अध त्रयोदश द्वादश दलोनाम ॥२४८ ।
SR No.090512
Book TitleTriloksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Ratanchand Jain, Chetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages829
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size19 MB
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