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पाथा । २३..
· मरमाधिकार
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इसका न्यास इस प्रकार है:-२४ (५४५४५४५-१)। इसमें से ऋण धन २४ (१+५+५४५+५४५४५) ४३ को घटा देने पर ३१२ समस्त धन प्राप्त होता है । अर्थात् २४ ( ६२५-१)-२४ (१+५+२५+१२५) ४३-१४६२४-२४१५६ ४ ३=१२४८९३६- ३१२। यह प्रण धन इस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है:-प्रथम स्थान २४१ है, इसको एक कम गुणाकार ( ५-१=४ ) से गुणा करने पर चार आदि स्थान अर्थात् २४४ प्राप्त होते हैं । इस २४४ ऋण धन को आदि स्थान २४१ में प्रक्षेप करने ( जोड़ने ) से (२xx ) + (२xt)=
५५ प्राप्त होते हैं, क्योंकि २का अद्ध दोनों में साक्ष है. तथा१वका अज असहश होने से इनको जोड़ने पर ४+३=५ प्राप्त होते हैं । इसको (२४५ की एक संख्या को दूसरे स्थान को एक संख्या २४५ में जोड़ने से २xxxt+xzx१=२४५४२ प्राप्त होते हैं । इसमें दो कम गुणाकार (५-२-३ ) से गुरिणत मुगवन अर्थात् ऋण का दूसरा स्थान (२४५४३) निक्षेप करने ( जोड़ने । से २४५४२+२४५४३ = २४५ x ५ होते हैं । इसको तीसरे स्थान २४५४५ में जोड़ने से २ x ५४५४१+२ x ५४५४१=२५५४५४२ प्राप्त होते हैं । इसमें दो कम गुणोत्तर गुणकार (५-२-३ ) से गुणित गुणकार का वर्ग ( ५४ ५ ) गुणित आदि (२) अर्थात २४५४५४३ को जोड़ने से २४५४५४२-२४५४५४३= २४५४५४५ प्राप्त होते हैं । इसको चतुर्थ स्थान के धन
xxx५४ ५ जोड़ने से २४५४५४५४१+२४५४५४५४१=x५४५४५४२ प्राप्त होते है। इसमें दो कम गुणोसर गुणकार (५--२-३) से गुणित गुणकार का धन ५४५४५ गुणित आदि २ अर्थात् २४५४५४५४३ ऋणधन को निक्षेप करने ( जोड़ने ) पर २Xxx५४५४२+२४५ x५४५४ ३= २४५४५४५४५ प्राप्त होते हैं। इस प्रकार सबसे ऊपर दो कम गुणकार १५-२-३) से गुणित एक कम गच्छ (४-१-३) प्रमाण गुणकार ( ५४५४५) गुरिणत आदि (२) अति ( ३४५४५४५४२) निक्षेप किया ( जोड़ा गया है। ऐसा करने से अन्तधन में बादि ।२) का गच्छ प्रमाण (४) गुणकार (५) होते है। पर्या अन्तधन - २४५४५४५४५ होता है । यह सर्व विचार कर गाथा में 'पद ( गच्छ ) प्रमाण गुणकार को परस्पर गुणा करना चाहिए' ऐसा कहा गया है। इस प्रकार गच्छ प्रमाण ( ४ ) गुणकार को परस्पर गुणा करने से ५४५४५४५ = ६२५ प्राप्त होते हैं । इसमें आदि ( २ ) का गुणा करने से २४६२५ यह ऋण सहित धन प्राप्त होता है । पूर्व में जो ऋण धन निक्षेप किये गये हैं, उनमें से प्रथम ऋण २४४ है, इसमें से एक गुणित आदि २४१ को ग्रहण कर २४६२५ में से घटाना चाहिए । इसी का अवधारण कर गाथा में 'रूवार होणे' अर्थात् एक कम करना चाहिए-ऐसा कहा गया है इस २४१ को घटाने पर ( २४ ६२५ ) - (२४१) =२x६२४ प्राप्त होते हैं। प्रथम ऋण (२४४-२४१)-२४३, दुमरा ऋण २४५ x ३, तीसरा ऋण २४५४५४३ चौथा ऋण २४५४५४५४३ इन चारों ऋणों में २४३ सहश है, अत: इन चारों ऋणों का संकलित धन( २४३ }४ ( १+५+५ x ५+५ x ५४५ )=(२xx (+५४ २५ + १२५ )=२xx