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________________ गाथा १३८ हुए. अतः धनराशि की संख्या २२४० को गुणित करने पर ज प्राप्त हुए। पूर्वोक्त राशि ज x 0 के हर और श 375 को भी ३२० से गुसित करने पर के वर्ग (४९) से ज X 103YALIYO क हुए. तथा इन दोनो [ ज १०१४१५६०४० ' + १४८४७ प प्राप्त - ] को जोड़ने से ज x ०२४१७८३४८० क्षेत्रफल प्राप्त बब्व७५० होता है। अथवा - ज x ज x ३०३ + ७ × ३२० ३२००६१५२ 373 - ज x १०२४१९६०६४० + १४८४० १०३७६० ज x १०२४११८३.४८७ १०० समस्त पदनों से रुद्ध क्षेत्र का क्षेत्र फल है । छोक के सम्पूर्ण वायुमल का चित्रण :--- लोकसामान्याधिकार हुई। इसका समच्छेद करने के लिये भंश ३०३ और हर ज ४ ३०३ २२४० ... मोकाकाश वाट्स एप म नराधमा 22. मम्माम पर्वत/भार आना.... स ह 1 समाचार SIMET 40. आकाश चमटी भी 2000 आकाश आकाश साकार सप्तम महतो महरम प्रभा - रोमेनि लोकाकाश ... पेटवल नि त्यः नि। गो द ܀ १५९
SR No.090512
Book TitleTriloksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Ratanchand Jain, Chetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages829
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size19 MB
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