SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 153
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ गाथा : ११२ . . लोकसामान्याधिकार १०९ -राज १. राज -शन - मधोलोक का क्षेत्रफल :-अधोलोक में भूमि ७ राजू, मुख १ राजू और उत्सेध ७ राजू है। भूमि व मुख का जोड़ (७+१)= 4 राजू होता है। इसका आधा ८ = ४ x ७ राजू उत्सेध - २८ वर्ग राजू अधोलोक का क्षेत्रफल हुआ। ऊर्व लोक का क्षेत्रफल:- भूमि १ राज ( मध्य लोक की ) मध्य में ५ राजू, ऊपर मुख एक राजू तथा उत्सेध ७ राजू है। अतः ५ + १ - ६ : = ३ x ७ राजू उत्सेध = २१ वर्ग राजू ऊर्ध्वलोक का क्षेत्रफल । ___ सम्पूर्ण लोक का घनफल :- २८ + २१ - ४९ वर्ग राजू जगत्प्रतर में दक्षिणोत्तर सर्वत्र ७ राजू का गुणा ( ४९ x ) करने से ३४३ घन राज् सम्पूर्ण लोक का क्षेत्रफल प्राप्त होता है। - उपमा प्रमाण का प्रकरण समाप्त हुमा --
SR No.090512
Book TitleTriloksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Ratanchand Jain, Chetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages829
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy