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________________ गाया : १०५ - १०६ लोकमामान्याधिकार अभ्यद्विरूपवर्गधारायां सागरोपमस्यानुत्पन्नत्वात्तस्याध च्छेद ज्ञापयन्नाह गुणयारद्धच्छेदा गुणिक्षमाणस्स मद्धछेदजुदा | लस्सद्धच्छेद भद्दियम्यच्छेदणा णत्थि ॥ १०५ ॥ गुणकाराचेच्छ्रेदा गुण्यमानस्यार्धं च्छेदयुताः । प्रस्यार्थच्छेदा अधिकस्य छेदना नास्ति ॥ १०५॥ | = पुरण | गुपकारा दशकोटोकोट पस्तासामर्षच्छेवाः संख्याताः, ते पुनर्गुष्यमानस्याद्धावस्थस्याच्छेदयुताः लम्भस्य सागरोपमस्यार्षच्छेवा भवन्ति । यतः प्रधिकरम देवना नास्ति ततः सागरोपमस्य शलाका नास्ति ॥१०५॥ G द्विरूपदर्गधारा में सागरोपम की उत्पत्ति नहीं है अतः सागरोपम के अच्छेदों को दिखाते हैगाथा :- गुणकार राशि के अर्धच्छेदों को गुग्यमान राशि के अर्धच्छेदों में मिला ( जोड़ ) देने से लब्धराशिके अच्छेदों का प्रमाण प्राप्त हो जाता है। यहाँ अधिक की छेदना नहीं है ॥ १०५ ॥ विशेषार्थ :- मान लीजिए, गुभ्यमान राणि १६ है और गुणकार राशि ८ है । १६ ८ = १२८ राशि प्राप्त हुई। यहां गुप्यमान १६४ और गुणकार राशि के अर्धच्छेद ३ हैं अतः ४ + ३ ७ अच्छे राशि १२८ के प्राप्त हुए। इस नियमानुसार गुण्यमान राशि पल्य और गुणकार राशि १० कोड़ा कोड़ी है अतः गुण्य को गुणकार राशि से गुणा (पल्य १० फोडा०) करने पर सागर की उत्पत्ति होती है। गुणकार राशि १० कोबा कोड़ी के अर्थच्छेद संख्यात हैं. इन्हें गुमानराशिपल्य के अर्धच्छदों में जोड़ देने से सागर के अर्धच्छेद प्राप्त हो जाते हैं । यहाँ अधिक की छेदना नहीं है इसलिए मागरोपम को वर्गशलाकाएं नहीं हैं। क्योंकि अर्धच्छेदों के अर्थच्छेदों का नाम ही शलाका है। - T. भाज्यस्याधच्छेदाहाराचं च्छेदनाभिः परिहीनाः । अच्छे दशलाका लब्धस्य भवन्ति सर्वत्र || १०६ ।। अथ गुण्यगुणकारयोः छेद प्रदर्शने प्रसङ्गाङ्गाज्यभाजकयोरपि खेदं प्रदर्शयतिभज्जस्सच्छेदा हारच्छेदनाहिं परिहीणा | अद्धच्छेदसलामा लद्धस्म हवंति सम्बन्थ ।। १०६ ।। भजन संदृष्टौ भाज्यस्य ६४ च्छेदः ६ हारा (४) १६ शलाका भवन्ति सर्वत्र ॥ १०६ ॥ - १०१ नाभिः २ परिहोना गुण्य और गुणकार के छेदों के प्रदर्शन में प्रसङ्गवश भाज्य भाजक के अच्छेदों का भी स्वरूप दिखाते हैं
SR No.090512
Book TitleTriloksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Ratanchand Jain, Chetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages829
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size19 MB
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