SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 99
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ धर्मश्री था, जो अद्वितीय दानी सदृष्टिरूपसे मन्मपविजयी और हसमुख थी। इसका रेखा नामक पुत्र आयुर्वेदशास्त्रमें प्रवीण वैद्योंका स्वामी और लोक. प्रसिद्ध था। रेखा चिकित्सक होनेके कारण रणस्तम्भ नामक दुर्गमें बादशाह शेरशाहके द्वारा सम्मानित हुए थे 1 प्रस्तुत जिनदास रेखाके ही पुत्र थे। इनकी माताका नाम रेखश्री और धर्मपत्नीका नाम जिनदासी था, जो रूपलावण्यादि गुणोंसे अलंकृत थी। पं० जिनदास रणस्तंभ दुर्गके समीपस्थ नवलक्षपुरके निवासी थे।' स्थितिकाल जिनदासकी एक 'होलीरेणुकाचरित' रचना उपलब्ध है। इस रचनाके अन्तमें कविने इसका लेखन-काल दिया है । अतः जिनदासके समयमें किसी भी प्रकारका विवाद नहीं है । प्रशस्तिमें लिखा है वसुखकायशीतांशुमिते (१६०८) संवत्सरे तथा। ज्योष्टमासे सिते पक्षे दशम्यां शुक्रवासरे ॥६१।। अकारि ग्रंथः पूर्णोन नाम्ना दृटिप्रबोधकः । श्रेयसे बहुपुण्याय मिथ्यात्वापोहहेतवे ।।६२।। अर्थात् वि० सं० १६०८ ज्येष्ठशुक्ला दशमी शुक्रवारके दिन यह ग्रन्थ पूर्ण हुआ है। पं० जिनदासने यह ग्रन्थ भट्टारक धर्मचन्दके शिष्य भट्टारक ललितकोत्तिके नामसे अंकित किया है। पुष्पिकावाक्यमें लिखा है 'इति श्रीपंडितजिनदासविरचिते मुनिश्रीललितकीत्तिनामाङ्किते होलीरेणुकापर्वचरिते दर्शनप्रबोधनाम्नि धूलिपर्व-समयधर्म-प्रशस्तिवर्णनो नाम सप्तमोऽध्यायः । रखमा पंडित जिनदासकी एक ही रचना प्राप्त है--'होलिकारेणचरित'। इस रचनामें पञ्चनमस्कारमंत्रका महात्म्य प्रतिपादित है। रचना सात अध्यायों में विभक्त है । श्लोकसंख्या ८४३ है। कविने शेरपुरके शान्तिनाथचैत्यालयमें ५१ पद्योंवाली होलीरेणुकाचरितकी प्रतिका अवलोकनकर ८४३ पद्योंमें इसे समाप्त किया है। काव्यत्त्वकी दृष्टिसे यह रचना सामान्य है। ब्रह्म कृष्णदास ब्रह्म कृष्णदास लोहपत्तन नगरके निवासी थे। इनके पिताका नाम हर्ष १. जैनग्नन्यप्रशस्तिसंग्रह, प्रस्तावना, पृ. ३२-३३ । ८४ : तीर्थकर महावीर और उनको आचार्य-परम्परा
SR No.090510
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages510
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy