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________________ कविने 'णेमिणाहचरिउ' की रचना की है। और यह ग्रंथ टोडाके शास्त्रभण्डारमें विद्यमान है। इस ग्रंथकी रचनाकी प्रेरणा देनेवाले व्यक्ति मालवदेशमें स्थित सलग्लनपुरके निवासी थे। ये खंडेलवालकुलभूषण, विषयविरक्त और तीर्थंकर महावीरके भक्त थे। केशवके पुत्र इन्दुक था इन्द्र थे, जो गृहस्थके षट्कर्मोका पालन करते थे तथा मल्हके पुत्र नागदेव पुण्यात्मा और भव्यजनोंके मित्र थे । इन्हींकी प्रेरणा एवं अनुरोधसे इस नंथकी रचना की गई है। स्थितिकाल इस ग्रंथमें रचनाशालका उल्लेख आया है। बताया है कि परमारवंशी राजा देवपालके राज्यमें वि० सं० १२८७ में इस ग्रंथको रचना सम्पन्न हुई है । लिखा है "वारह-समाइं सहाजियाई, जिसमाहो कालहं । पमारहं पटु समुद्धरण परवाइ देवपालहं ॥" इस पद्यमें कनिने मालवाके परमारवंशी राजा देवपालका उल्लेख किया है। यह महाकुमार हरिश्चन्द्र वर्माका द्वितीय पुत्र था । अर्जुनवर्माको कोई सन्तान नहीं थी। अतः उसके राजसिंहासनका अधिकार इन्हींको प्राप्त हुआ था। इसका अपर नाम साइसमल्ल था। इनके समयके तीन अभिलेख और एक दानपत्र प्राप्त होते हैं। एक अभिलेख हरसोडा गाँवसे वि० सं० १२२७५ में और दो अभिलेख ग्वालियर-गज्यसे वि० सं० १२८६ और वि० सं० १२८५ के प्राप्त हैं। मानधातासे वि० सं० १२९.२ भाद्रपद शुक्ला पूर्णिमाका दानपत्र भी मिला है। दिल्लीके सुल्तान सममूद्दीन अल्तमशने मालवा पर ई. सन् १२३१-३२ में आक्रमण किया था और एक वर्षको युद्धके पश्चात् ग्वालियरको विजित किया था। इसके पश्चात् भेलसा और उज्जयिनीको भी जीता था। उजयिनीके महाकाल मंदिरको भी तोड़ा था। सुल्तान जब लूट-पाट कर रहा था, उस समय वहाँका राजा देवपाल ही था ! इसीके राज्यकालमें पं० आगाचरने वि० सं० १२८५ में नलकच्छपुरमें 'जिनयज्ञकल्प' नामक ग्रन्थकी रचना की है। "जिनयज्ञकल्प'को प्रशस्तिमें देवपालका उल्लेख आया है ! दामोदर कविने वि० सं० १२८७ में 'मिणाहरित' लिखा था । उसममय देवपाल जीवित था। पर जब आशाधरने वि०सं० १२९२मै त्रिष्टिरम्मतिशास्त्र १. इंडियन एण्टी क्वेरी, जिल्द २०, पृ० ८३ तथा पु० ३११।। 2. Epigrahica Indica. Vol.'), l'age 108–113. १९४ : तीर्थकर महावीर और उनको आचार्यपरम्परा
SR No.090510
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages510
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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