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________________ सम्भव है कि शुभकीति इनके समान रहे हों उनका समय दि० सं० की १५ वीं शताब्दी आता है | रचना शुभकीर्ति द्वारा विरचित अपभ्रंश शान्तिनाथचरित उपलब्ध होता है । जिसकी पाण्डुलिपि नागोरके शास्त्र भण्डार में सुरक्षित है । ग्रन्थ १९ सन्धियों में पूर्ण हुआ है। इसमें १६ वें तीर्थंकरशान्तिनाथका जीवनचरित्र वर्णित है 1 शान्तिनाथ पंचम चक्रवर्ती भी थे। इन्होंने पद्खण्डों को जोत कर चक्रवर्ती पद प्राप्त किया था । पश्चात् दिगम्बर दीक्षा ले तपश्चरणरूप समाधिकसे महादुर्जय मोहकर्मका विनाश कर केवलज्ञान प्राप्त किया और अन्तमें अघातियाकर्मोंका नाशक अचल अविनाशी सिद्धपदको प्राप्त किया । ग्रन्थ के आरम्भमं आचार्यने गौतम गणधर जिनसेन, पुष्पदन्तका स्मरण क्रिया है और बताया है कि जिस चरितको जिनराजने गौतम गणधर कहा, उस चरितको जिनसेन और पुष्पदन्तने अपने ग्रन्थोंमें निबद्ध किया । उसी चरितको शुभकीति रूपचन्दके अनुरोधसे निबद्ध करते हैं। रूपचन्दका परिचय देते हुए लिखा है कि इक्ष्वाकुवंशमें आशाधर हुए, जो टक्कुर नामसे प्रसिद्ध थे और जिनवासन के भक्त थे। इनके 'नवउ' ठक्कुर नामका एक पुत्र हुआ, जिसकी पत्नीका नाम लोनावती था और जो सम्यक्त्व से विभूषित थी । इन्हीका पुत्र रूपचन्द्र हुआ, जिसके अनुरोधसे कविने शान्तिनाथचरित लिखा 1 ग्रन्थके पुष्पिका वाक्य में रूपचन्दका परिचय निम्न प्रकार दिया गया है इक्ष्वाकूणां विशुद्ध जिनवर विभवाम्नाय समासे, तस्मादाशाधरीया बहुजनमहिमा जात जमालवंश 1 लीलालंकारमा रोद्भवविभवगुणासारखकारकुद्धेः 1 सुद्धिमिद्धार्थसारां परियणगुणी रूपचन्द्रः सुचन्द्रः ॥ afar के अन्तमें एक संस्कृत पद्यमें उसका रचनाकाल १४३६ दिया है । यह ग्रन्थ को नामक संवत्सर में फाल्गुन मासमें कृष्णतृतीया बुधवारको समाप्त हुआ है । आसीद्विक्रमभूगतेः कलियुगे शांनोत्तरे संगते, सत्यं कवननामधेयविपुले संवच्छ समते । दत्ते त्रयचतुर्दशे तु परमां पद्भिशके स्वांशके । मास फाल्गुण पूर्वपक्षक बुधे सम्यक् तृत्तीयां तिथौ || इससे स्पष्ट है कि शुभकीतिका समय निश्चितरूपसे वि० की १५वीं शताब्दी है और उनका शान्तिनाथचरित महाकाव्य है। इस ग्रन्थकं प्रारम्भ में ही महा प्रवृद्धाचार्य एवं परम्पराणोकाचार्य: ४१३
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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