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________________ प्राप्त थी । वे सरस्वतीके वरद पुत्र थे । इनका व्यक्तित्व बहुमुखी था । प्रतिभानिर्माण और मन्दिर निर्माण के कार्यों में सहयोग भी देते थे। एक मूर्तिलेख में ब्रह्ममिदत्त के साथ ब्रह्ममहेन्द्रदत्त के नामका भी उल्लेख आया है, जिससे वे इनके सहपाठी प्रतीत होते हैं। ये अग्रवालजातिके थे और इनका गोत्र गोयल था | मालव देशके आशानगर के निवासी थे। इन्होंने अपने ग्रन्थोंकी रचना प्रमुख व्यक्तियोंके अनुराधसे की है, जिससे यह ध्वनित होता है कि अनेक व्यक्ति इनके सम्पर्क में रहे हैं । स्थितिकाल ब्रह्मनेमिदत्तको रचनाओं में उनके समयका निर्देश प्राप्त होता है, जिससे इनके स्थितिकालपर सम्यक् प्रकाश पड़ता है । इन्होंने वि० सं० १९८५ में श्री शान्तिदासके अनुरोधसे श्रीपालपरितकी रचना की है। सं० १५७५ में आराधनाकथाकोश लिखा है । नेमिनाथपुराणकी रस्ता भी १५८५ में हुई है । अतएव इनका समय विक्रमको १६वीं शताब्दी है । सुदर्शनचरितकी प्रशस्ति में कविने पद्मनन्दि, प्रभाचन्द्र, देवेन्द्रकीति, विद्यानन्दि, मल्लिभूषण और श्रुतसागरकी प्रशंसा की है। इस प्रशंसा के अध्ययनसे स्पष्ट ज्ञात होता कि मल्लिभूषण वि० की १६ वीं शताब्दी में हुए हैं और उनके प्रसिद्ध शिष्य ब्रह्मनेमिदत्त भी इसी शताब्दीमें हुए हैं। अतएव ब्रह्मनेमिदत्तका समय वि० की १६ वीं शताब्दी है । सुदर्शनचरित के अन्त में लिखा है श्री मूलसंधे वरभारतीये गच्छे बलात्कारगणेतिरम्ये । श्री कुन्दकुंदाख्यमुनींद्रवंशे जातः प्रभाचन्द्रमहामुनींद्रः ॥ २॥ पट्टे तदीये मुनिपद्मनन्दीभट्टारको भव्यसरोज भानुः । जातो जगत्रयहितो गुणरत्न सिंधुः कुर्यात् सतां सारसुखं यतोशः ॥३॥ तत्पट्टपद्माकरभास्करोऽत्र देवेंद्रकीतिमुनिचक्रवनों । तत्पादपंकेज सुभक्तियुक्तो विद्यादिनंदी चरितं चकार ॥८॥ तत्पटेऽजनि मल्लभूषणगुरुचारित्रचूडामणिः, संसारांबुधितारकचतुरश्चितामणिः प्राणिनां । सूरिः श्रश्रुतसागरो गुणनिधिः श्रोसिंहनन्दी गुरुः, सर्वे ते यतिसत्तमाः शुभतारा कुर्वंतु वो मंगलं ॥५॥ गुरूणामुपदेशेन सच्चरित्रमिदं शुभं । नेमिदत्तो व्रती भक्त्या भावयामास शम्मंद " ||६|| १. प्रशस्तिसंग्रह, जयपुर, सन् १९५०, पृ० ६७-६८ पर उद्भूत | प्रबुद्धाचार्य एवं परम्परापोषकरचार्य : ४०३
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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