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________________ 1 २. परमार्थप्रकाशको टोका ३. तत्वदीपक ४. ज्ञानदीपक ५. प्रतिष्ठा तिलक ६. विवाहपटल कथाकोष ७. बृहद्व्यसंग्रहको टीका - बृहद्रव्य संग्रहको टीकामें अनेक सैद्धान्तिक बातोंका समावेश किया गया है । १०वीं गाथा के व्याख्यान में समुद्घातका, तेरहवीं के व्याख्यानमें गुणस्थान और मार्गणाओंका ३५वीं गाथाके व्याख्यान में १२ अनुप्रेक्षाओंका और विशेषतः तीनों लोकों का बहुत ही विस्तार के साथ वर्णन किया है। ज्ञान और दर्शनके प्रकरणमें ज्ञान के प्रत्यक्ष और परोक्ष भेदोंकी चर्चा कर दर्शनोपयोगका वर्णन किया गया है । द्वितीय अधिकारको प्रारम्भिक गाथाओंकी उत्थानिकामें परिणामि जीवमुत्तं' गाथा उद्धृत कर छहों द्रव्यों का विस्तारसे व्याख्यान किया है । लिखा है परिणामपरिणामिनी जीवपुद्गलो स्वभावविभाव पर्यायाभ्यां कृत्वा शेषचत्वारि द्रव्याणि विभावव्यञ्जनपर्यायाभावान्मुख्यवृत्त्या पुनरपरिणामीनीति । 'जीव' शुद्धनिश्चयेन विशुद्धज्ञानदर्शन स्वभावं शुद्धचैतन्यं प्राणशब्देनोच्यते, तेन जीवतीति जीवः । व्यवहारनयेन पुनः कर्मोदयजनितद्रव्यभाव रूपेश्चतुभिः प्राणैर्जीवति, जीविष्यति जीवितपूर्वो वा जीवः । पुद्गलादिपञ्चद्रव्याणि पुनरजीवरूपाणि । "मुतं" शुद्धात्मनो विलक्षणस्पर्शगन्धवर्णवती मूर्तिरुच्यते, तत्सद्भावान्मूर्त: पुद्गलः । जीवद्रव्यं पुनरुपचरिता सद्भूत्तव्यवहारेण मूर्त्तमपि शुद्धनिश्चयनयेनामूर्त्तम्, धर्माधर्माकाशकालद्रव्याणि चामूर्त्तानि । " सपदेसं" लोकमात्रप्रमितासंख्येrप्रदेशलक्षणं जीवद्रव्यमादि कृत्वा पंचद्रव्याणि पंचास्तिकाय संज्ञानि सप्रदेशानि । कालद्रव्यं पुनर्बहुप्रदेशलक्षणकायत्वाभावादप्रदेशम् । ' अर्थात् स्वभाव और विभाव पर्यायों द्वारा परिणामसे जीव एवं पुद्गल ये दो द्रव्य परिणामी हैं। शेष चार द्रव्य अर्थात् धर्म, अधर्म, आकाश और काल विभावव्यञ्जनपर्यायके अभावकी मुख्यतासे अपरिणामी हैं। 'जीव' शुद्ध निश्चय नयसे निर्मल ज्ञान-दर्शनस्वभावधारक शुद्ध चैतन्यरूप है | आगममें शुद्ध चैतन्यको प्राण कहते है । उस शुद्ध चेतन्यरूप प्राणसे जो जीता है, वह जीव १. बृहद्रव्यसंग्रह प्रथम संस्करण, द्वितीय अधिकार, चूलिका प्रकरण, १०७६-७७ १ प्रबुद्धाचार्य एवं परम्परापोपकाचार्य : ३१३ २१
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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