SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 290
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परवादिमल्ल लोकपालाचार्य समयनाथ कविराजमल्ल चिन्तामणि अनन्तवीर्य पायनाथ आदिनाथ जहादेव देवेन्द्र आदिनाथ नेमिचन्द विजयप यह वंशपरम्परा प्रस्तुत हस्तिमल्लकी है, यह निश्चितरूपसे नहीं कहा जा सकता। यदि इन्हीं हस्तिमल्लकी है, तो उनके दो पुत्र होने चाहिये एक पाश्वपण्डित और दूसरा परवादिमल्ल । पाचपण्डिसकी परम्परामें ब्रह्मसूरि और परवादिमल्लकी परम्परामें नेमिचन्द माने जायेंगे। ___ अय्यपार्य द्वारा जिनेन्द्र कल्याणाभ्युदयमें जो वंशपरम्परा दी गयी है वह गुरुशिष्य परम्परा है । हस्तिमल्लके पूर्वकी तो वही परम्परा है, जो हस्तिमल्ल और ब्रह्मसूरि द्वारा दी गयी है। हस्तिमल्लके पश्चातकी गुरु-शिष्यपरम्परा निम्नप्रकार है १. हस्तिमल्ल २. गुणवीर सूरि ३. पुष्पसेन ४. करुणाकर ५. (पुत्र) अय्यपार्य २७८ : तीर्थकर महाबीर और उनकी आचार्य-परम्परा
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy