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निर्वाणके २१५ वर्ष पश्चात् मानती है। यह ऐतिहासिक तथ्य है कि चन्द्रगुप्त मौर्य ने पाटलिपुत्र ( मगध ) - राज्यारोहणके १० वर्ष पश्चात् अवन्ती में अपना राज्य स्थापित किया था। इस प्रकार इतिहास और जैन परम्पराके समन्वित्त आलोक में महावीरका निर्वाण ई० पू० ३४५+२१९००१२ होता है।
परम्पराकै आधारपर निर्वाण समयका समर्थन विक्रम, शक, गुप्त आदि संवत्सरोंसे भी होता है। जैन ग्रन्थोंमें बताया गया है कि महावीरके निर्वाण-कालसे ४७० वर्ष बाद विक्रम संवत्का प्रचलन हुआ । इतिहासको यह सर्वसम्मत धारणा है कि विक्रम संवत्का प्रवर्तन ई० पू० ५७ से हुआ है। इस प्रकार महावीरका निर्वाण-संवत् ४७० + ५७ ई० पू० ५२७ आता है ।
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प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ० आर० सी० मजुमदार, डॉ० एच० सी० राय चौधरी और डॉ० के०के० दत्त द्वारा लिखित "एन एडवांस हिस्ट्री ऑव इण्डिया"में महावीरकी निर्वाण तिथि ई० पू० ५२८ मानी गयी है । यद्यपि इन विद्वानोंने इस तिथिको भी निर्विवाद नहीं बताया है और इसकी असंगतियोंकी ओर इंगित करते हुए हेमचन्द्रके उल्लेखोंके साथ विरोध बतलाया है। हेमचन्द्रने चन्द्रगुप्त मौके १५५ वर्ष पूर्व महावीरका निर्वाण बताया है, २१५ वर्ष पूर्व नहीं । इन सब विसंगतियों के रहनेपर भी उक्त विद्वात् तीर्थंकर महावीरकी निर्वाणतिथि १५ अक्टूबर ई० पू० ५२७ ही मानते हैं। इस तिथिका समर्थन इतिहास और परम्परा इन दोनों ही तथ्योंसे होता है ।
१. मुनिश्री नगराजजी : आगम और त्रिपिटिक : एक अनुशीलन, पृ० ८८.
२.
The date 313 B, C. for Chandragupta's accession, if it is based on correct tradition, May refer to his acquisition of Avanti in Malwa, as the Chronological datum is found in verse where the Maury a king finds mention in the list of succession of Palak, the king of Avanti.
- H. C, Ray Choudhuri: Political History of Ancient India P295.
The jain date 313 BC. if based on correct tradition, may refer to acquisition of Avanti (Malwa).
— An Advanced History of India, P. 99. ३. एन एडवान्स हिस्ट्री जॉब इण्डिया ऍसिएन्ट इण्डिया खण्ड.
२९२ : तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य-परम्परा