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विषय भवरुद्रद्वारा प्रदत्त उपसर्गोपर विजय कैवल्योपलब्धि कैवल्य-प्राप्ति-स्थान : विभिन्न मान्यताएं मौलिक विरोध जम्भिक या जम्भिय ग्रामकी अवस्थिति केवलज्ञान : अर्चना
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सप्तम परिच्छेद
गणधर, समवशरण, शिष्य एवं निर्वाण समवशरण : पीयूषवाणांकी आकांक्षा देशना-अवरोध और इन्द्रको चिन्ता सोमिल और इन्द्रभूति इन्द्रभूति गौतम : बुला श्रद्धाका द्वार निराशा और जिज्ञासा मानस्तम्भदर्शन : मानगलन और रत्नत्रय उपहार अन्य गणधर : हृदय-परिबर्तन और दीक्षा अग्निभूति वायुभूति गौतम : अहंकार चूर शुचिदत्त : हृदय-परिवर्तन सुधर्मा : दीक्षा और आत्मशोधन माण्डिक : आत्मोद्बोधन मौर्यपुत्र : सम्यक्त्वलाभ अकम्पिक : रिक्त श्रद्धाकी पूर्ति अचल मिली साधना मेदार्य : जागा विवेक प्रभास : पुरुषार्थ जागरण प्रथम देशनास्थल : विपुलाचल चतुर्विधसंघ-स्थापना प्रधान श्रोता-थेणिक : समवशरणको शरण श्रेणिक; वंश-परिचय श्रेणिक : मिथ्यात्व-तिमिरका ध्वंस : सम्यक्त्वका प्रकाश ३२ : तीर्थकर महावीर और उनकी आचार्य-परम्परा
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