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भी इसी में सम्मिलित हो गया और फलस्वरूप सुप्रसिद्ध वृजि या वज्जिगणकी स्थापना हुई। ____ काशीमें जरग या नागवंशी क्षत्रियोंका राज्य स्थापित हुआ। इस वंशमें ब्रह्मदत्त नामका चक्रवर्ती सम्राट हुआ। काशीकी राजसत्ता बहुत बढ़ रही थी
और मध्यदेश में यह प्रमुख शासनशक्ति थी। कोशल भो इसके अधीन था तथा गोदावरीका तटवर्ती अश्मक राज्य भी इसी में सम्मिलित था। कहा जाता है-तीर्थकर पार्श्वनाथका जन्म इसी नागवंशमें हुआ था । ई० पू० ८वीं शतीमें मगधमें भी राज्यविप्लव हुआ और बार्हद्रयोंका पतन होनेके अनन्तर काशीनरेश शिशुनागको मगसवालोंने भामंत्रित किया और पगधः स राजवंशको प्रतिष्ठा हो गयी। इस प्रकार ई० पूर्व छठी शतोके लगभग महाभारतकालीन समस्त वैदिक राजसत्ताओंका अन्त हो गया और उनके स्थानपर नागादि विद्याघर, लिच्छवि, मल्ल, मौर्य आदि व्रात्य क्षत्रियोंने राजसत्ताएं स्थापित की।
डॉ० राधाकुमुद मुकर्जीने' अगुत्तरनिकायमें आये हुए सोलह जनपदोंकी सूची निम्नप्रकार प्रस्तुत की है :
(१) अग (२) मगध (३) कासी (४) कोसल (५) वज्यि (६) मल्ल (७) चेटि (चेदि) (८) वंस (वत्स)
(१०) पंचाल (११) मच्छ (मत्स्य) (१२) सूरसेन (१३) अस्सक (अश्मक) (१४) अवन्ति (१५) गंधार
(१६) कम्बोज १. हिन्दू सम्यता, हिम्बी-संस्करण, राजकमल प्रकाशन, द्वितीय संस्करण, पृ० १७६. २. १।२१३, ४४२५२, ४।२५६, ४।२६०. ६२ : तीर्थकर महावीर और उनकी आचार्य-परम्परा