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गाथा : ५६०-५६४ ]
अट्टम महाहियारो
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प-
--- उन ( सोम एवं यम लोकपाल थोर इनके सामानिक देवों ) को देवियों के आहार का काल साढ़े छह (६३) दिन है और वरुण एवं कुबेर लोकपाल तथा इनके सामानिक देवों के आहार का काल कुछ कम एक पक्ष ( १५ दिन ) है ।। ५५९ ।।
पण्णरस-बल-दिपाणि, ताणं देवोण होदि तक्कालो । ईसादि- दिगिदे, सोमम्मि जमम्मि सक्क वरुण समो ॥५६०।।
अर्थ-उन ( सौधर्मेन्द्र के वरुण एवं कुबेर लोकपाल और उनके सामानिक देवों ) को देवियों का आहार काल साढ़े सात (७३) दिन है । ईशानेन्द्र के सोम एवं यम लोकपालों का श्राहार काल सौधर्मेन्द्र के वरुण लोकपाल सदृश ( कुछ कम १५ दिन ) है ।। ५६० ।।
fierमेrक पक्खं, भोयण-कालो कुबेर-णामस्स ।
तद्देवीण होदि हु, सामण्यां सोम- देवीणं ॥ ५६१।।
। १५ । १५ ।
अर्थ - ( ईशानेन्द्र के ) कुबेर नामक लोकपाल और उनकी देवियों का तथा सामानिक देवों की देवियों तथा ( यमव ) सोम की देवियों का आहार काल कुछ कम १५ दिन है ।।५६१।। असण-काली, होविं कुबेरादु किचि दिरितो ।
पमारणं, उवएसो संपहि पट्टो ।।५६२॥
१५. । उमाहार-काल- समलो ॥ १०॥
अर्थ- वरुण लोकपालका आहार काल कुबेरके आहार कालसे कुछ अधिक अर्थात् पन्द्रह (१५) दिन है । शेष ( सानत्कुमार आदि इन्द्र उनके परिवार के ' देव देवियों ) के बाहार कालके प्रमाणका उपदेश इससमय नष्ट हो गया है ।। ५६२ ॥
पण साहार
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आहार-काल समाप्त हुआ ।।१०।। देवोंके श्वासोच्छ्वासका कथन -
पढमे दिए जुगले, बम्हाविसु चउसु प्राणस - चउक्के |
हेट्टिम मज्झिम, उवरिम, गेवेज्जेसु च सेसेस ॥ ५६३ ॥
यि जिय भोयण - काले, जं परिमारणं सुराण पण्णत्ता ।
तम्मेत मुहुषण, आणापाणान संचारो ॥५६४॥ उसासो समत्तो ।।११॥
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