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________________ यान-विमानोंके नाम इन्द्रोंके मुकुट-चिह्न क्रमांक पाठान्तरसे इन्द्रोंके नाम स्थान मूलसे पाठान्तर गा०४४४ चिह्न क्रमांक इन्द्र-नाम गा०४५३ स्थान [ Rip : lal गा.४५४ बालग पुष्पक वालुग शूकर हरिणी महिष पुष्पक पुष्पक मत्स्य सौमनस सर्प सौधर्मेन्द्र । वालुग ईशानेन्द्र सानत्कुमारेन्द्र | सौमनस माहेन्द्र | श्रीवृक्ष | ब्रह्मेन्द्र । सर्वतोभद्र लान्तवेन्द्र प्रीतिक महाशुक्रन्द्र रम्यक सहस्रारेन्द्र मनोहर ९ | पानतेन्द्र प्राणतेन्द्र लक्ष्मीमा० ११ | प्रारणेन्द्र विमल १२ / अच्युतेन्द्र श्रीवृक्ष ७ । सर्वतोभद्र सौधर्मेन्द्र शूकर | २ | २ । ईशानेन्द्र हरिणी सानत्कुमार महिष | माहेन्द्र मत्स्य ब्रह्मेन्द्र ब्रह्मोत्तरेन्द्र लान्तवेन्द्र कापिष्टेन्द्र ९ शुक्रन्द्र .|१०| महाशुक्रन्द्र ११ शतारेन्द्र १२| सहस्रारेन्द्र छगल १३ आनतेंद्र-प्राणतेन्द्र वृषभ । १३ १४ आरणेंद्र-अच्युतेन्द्र कल्पतरु १४ अट्ठमो महायिारो छगल प्रीतिक बैल लक्ष्मीमा० | रम्यक कल्पतरु मनोहर लक्ष्मीमा० गवय विमल विमल [ ५५३
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
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