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________________ गाथा : ४०६ -४०९ ] अट्टम महाहियारो ५०० । को १ । अर्थ - अनेक उत्तम रत्नोंकी राशि स्वरूप उन श्रेष्ठ करण्डों में से प्रत्येक पांच सौ ( ५०० ) धनुष विस्तृत और एक कोस लम्बा होता है ।। ४०५ || ते संखेज्जा सवे, लंबंता रयण सिक्क जालेसु । सक्कादि पूजरिज्जा, प्रणादिणिहरणा महा - रम्मा ॥ ४०६ ॥ - - अर्थ- - रत्नभय सीकों के समूहों में लटकते हुए वे सब संख्यात करण्ड शक्रादिसे पूजनीय, अनादि-निधन और महा रमरणीय होते हैं ॥ ४०६ ।। श्राभरणा पुव्वावर - विदेह - तित्यय र बालयाणं घ । भोवरि चेट्टते, भवणेसु सणवकुमार जुगलस्स ॥ ४०७ ।। [ ५४१ अर्थ - सनत्कुमार और माहेन्द्र के भवनों में स्तम्भों पर पूर्व एवं पश्चिम विदेह सम्बंधो तीर्थंकर बालकोंके आभरण स्थित होते हैं ।। ४०७ ॥ - विशेषार्थ-स्तम्भोंकी ऊंचाई ३६ योजन है । इनमें मूलसे ६ योजन पर्यन्त उपरिम भाग और शिखरसे ६३ यो० नीचेके भाग करण्ड नहीं है । प्रत्येक करण्ड २००० धनुष ( १ कोस ) विस्तृत और ५०० धनुष (कोस ) लम्बा है। ये रत्नमयी सींकोंपर लटकते हैं । सौधर्मकल्प में स्थित स्तम्भ पर स्थापित करण्डों के आभरण भरतक्षेत्र सम्बन्धी बाल तीर्थंकरोंके लिए हैं। ईशान कल्प स्थित स्तम्भपर स्थापित करण्डोंके आभरण ऐरावतक्षेत्र सम्बंधी बाल तीर्थंकरोंके लिए हैं । इसीप्रकार सानत्कुमार कल्पगत पूर्वविदेह क्षेत्र सम्बन्धी बाल - तीर्थंकरों के लिये और माहेन्द्र कल्पगत करण्डोंके आभरण पश्चिम विदेह क्षेत्र सम्बंधी बाल- तीर्थंकरोंके लिए होते हैं । इन्द्र भवनों के सामने न्यग्रोध वृक्ष- सर्यालय - मंदिराणं, पुरवो नगोह पायवा होंति । एक्क्कं पुढविमया, पुव्वोविंद जंबुदुम सरिसा ॥ ४०८ ॥ प्रथं - समस्त इन्द्र- प्रासादों ( या भवनों ) के आगे न्यग्रोध वृक्ष होते हैं। इनमें एक-एक वृक्ष पृथिवी स्वरूप और पूर्वोक्त जम्बू वृक्षके सदृश होता है ||४०८ || तम्ले एक्केषका, जिदि पडिमा य पडिदिसं होसि । सक्कादिणमिद चलणा, सुमरणमेते वि दुरिव-हरा ||४०१ || अर्थ -- इसके मूल में प्रत्येक दिशा में एक-एक जिनेन्द्र प्रतिमा होतो है । जिसके चरणों में इन्द्रादिक प्रणाम करते हैं तथा जो स्मरण मात्रसे ही पापको हनेवाली है ||४०९ ||
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
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