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एवं
लोकपालोंके सामन्तोंका और दोनोंके पारिषद् देवीका प्रमाण-गा० २८७ से २९२
सोम लोकपाल यम लोकपाल । वरुण लोकपाल | कुबर लोकपाल लोकपालों एवं
एवं सोमके सामन्तों यम के सामन्तों | वरुणके सामन्त कल्पों के नाम सामन्तों का
के प्रमाण
अभ्यन्तर मध्यम बाह्य अभ्यन्तर मध्यम | बाह्य |य मध्यम बाह्य अभ्य. मध्यम गा०
. पारिषद पा० | पा० | पा । पा० । पा. पापा पा. २.
पा. पा. पा.
गाथा : २९२ ]
क्रमांक
क
६०० / ७०
४०००
सौधर्म कल्प ईशान कल्प सनत्कुमार कल्प माहेन्द्र कल्प
अट्ठमो महायिारो
ब्रह्म कल्प
५००
लान्तय कल्प
४००
दक्षिणेन्द्र उत्तरेन्द्र के सोम लोकपालके और सोमके सामन्त देवों के
ये पारिषद देव ५०-५० होते हैं। दक्षिणेन्द्र उत्तरेन्द्र के सोम लोकपालके और सोमके सामन्त देवों के
में पारिषद देव ४००-४०० होते हैं। दक्षिणेन्द्र उत्तरेन्द्र के सोम लोकपालके और सोमके सामन्त देवों के
ये पारिषद देव ५००-५०० होते हैं। दक्षिणेन्द्र उत्तरेन्द्रके यम लोकपालके और यमके सामन्त दयोंके ।
ये पारिषद दव ५०-५० होते हैं। दक्षिणेन्द्र उत्तरेन्द्र के यम लोकपालके और यमके सामन्त देवोंके
ये पारिषद ४००-४०० होते हैं। दक्षिणेन्द्र उत्तरन्द्रके यम लोकपालके और यमके सामन्त दवोंके
ये पारिषद ५००-५०० होते हैं ।
महाशुक्र कल्प
३००
सहस्रार कल्प
आनत कल्प
प्रागत कल्प
६० ५०० ६००
आरण कल्प
७० ६००७००
अच्युत कल्प
००
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