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तिलोयपण्णत्ती
[ गापा ! २९२ लोकपालों के सामन्त देवोंके तीनों पारिषदोंका प्रमाणसम्बेसु विगिदाणं, सामंत-सुराण तिण्णि परिसायो ।
णिय-णिय-दिगिद-परिसा-सरिसामो हवंति पत्तेक्कं ।।२९२॥
प्रथं सब लोकपालोंके सामन्त देवोंके तीनों पारिषदोंमेंसे प्रत्येक अपने-अपने लोकपालके पारिषदोंके ( प्रमाण) बराबर हैं ॥२९२।।
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