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गाथा : १७६ - १८२ ]
agat महाहियree
प्रकारान्तरसे विमान संख्या
जे सोलस
कप्पाई, केई इच्छति ताण उवएसे ।
तस्सि तस्ति श्रोच्छं परिमाणाणि विमाणानं ॥ १७८ ॥
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श्रथं जो कोई सोलह कल्प मानते हैं उनके उपदेशानुसार उन उन कल्पों में विमानोंका प्रमाण कहते हैं ।। १७८ ॥
बत्तीसट्टावीसं', बारस टु कमेण लक्खाणि ।
सोहम्मादि - चउक्के, होंति विमाणाणि विविहाणि ॥ १७६ ॥
३२००००० | २८००००० | १२००००० ८००००० |
अर्थ- सौधर्मादि चार कल्पोंमें क्रमशः बत्तीस लाख ( ३२००००० ), अट्ठाईस लाख ( २८००००० ), बारह लाख ( १२००००० ) और आठ लाख ( ८००००० ) प्रमारण विविध प्रकारके विमान हैं ।। १७९ ॥
छण्णउवि उत्तराणि, दो-लक्खाणि हवंति महम्मि ।
बहुत रम्मि लक्खा, वो वि य छष्ण उवि परिहीणा ॥ १८० ॥
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२०००९६ । १९९९०४ ।
अर्थ - ब्रह्मकरूपमें दो लाख छात्र ( २०००१६ ) और ब्रह्मोत्तर कल्पमें छान कम दो लाख ( १६६६०४ ) विमान हैं ।। १८० ॥
पणवीस - सहस्साईं, बादाल-जुदा य होंति लंघए ।
चवीस- सहस्सारिंग, पत्र सय अडवण्ण कापि ।। १८१ ॥
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२५०४२ । २४९५८ ।
अर्थ -- लान्तव कल्प में पच्चीस हजार बयालीस ( २५०४२ ) और कापिष्ठ कल्प में चौबीस हजार नौ सौ अट्ठावन ( २४९५८ ) विमान हैं ।। १५१ ।।
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वीसुत्तराणि होंति हु, बीस-सहस्साणि सुक्क - कप्पम्मि ।
ताई चिय महसुत्रके, बीसूणाणि विमाणाणि ॥। १८२ ॥
२००२० । १९९८० १
१. ब. बत्तीस बी । २. ६. ब. क. ज. ठ. महसूक्क ।