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________________ [ ५६ ] विषय --- -- Neel गाथा पृ०० | विषय गाथा/पृ०सं० सूर्य के बाह्य पथ का परिधि प्रमाण २६४।३०६ बाह्य पथ में तापक्षेत्र का प्रमाण ६।३२२ लवणसमुद्र के जलषष्ठ भाग की परिधि लवणोषि के छठे भाग की परिधि में का प्रमाण २६५॥३१० तापक्षेत्र का प्रमाण ३१०३२३ समानकास में विसमप्रमाणवाबी परिधियों सूर्य के द्वितीय पथस्थित होने पर इच्छित का भ्रमण पूर्ण कर सकने का कारण २६६।३१० परिधियों में तापक्षेत्र निकालने की विधि ३१२१२३ सूर्य के कुल गगनखण्डों का प्रमाण २६७४३१० सूर्य के द्वितीय पथ स्थित होने पर मेरु गगनखण्डों का प्रतिक्रमण काल २६८३११ पावि परिधियों में तापक्षेत्र का प्रमाण ११३॥३२३ सूर्य का प्रत्येक परिधि में एक मुहूर्त का सूर्य के द्वितीय पथ स्थित होने पर मध्यसर गमनक्षेत्र २७०।३११ (प्रथम) बीथी में तापक्षेत्र का प्रमाण १२२१३२५ बाह्य बीथी में एक मुहूर्त का प्रमाण मेन २७२।३१२ द्वितीय पथ को द्वितीय वीथीका तापक्षेत्र३२३१३२६ केतु निम्मों का वर्णन २७३।३१२ द्वितीय पथ की तृतीय वीपीका तापक्षेत्र ३२४१३२७ द्वितीय पथ की मध्यम बीथीका तापक्षेत्र ३२५०३२७ अभ्यन्तर और बाह्य वीथी में दिनरात द्वितीय पथ की बाह्य बीथीका तापक्षेत्र ३२६:३२८ का प्रमाण २७८।३१३ राशि और दिन की हानि वृद्धि का चय प्राप्त सूर्य के द्वितीय पथ में स्थित होने पर १२७१३२८ करने की विधि एवं उसका प्रमाण लवणसमुद्र के छठे भाप में तापक्षेत्र २८१।३१४ सूर्य के तृतीय पत्र में स्थित होने पर सूर्य के द्वितीयादि पपों में स्थित रहसे दिन रात्रि का प्रमाण २८३।३१५ परिषियों में सापक्षेत्र प्राप्त करनेको विषि१२८१२८ सूर्य के मध्यम पथ में रहने पर दिन एवं सूर्य के तृतीय पथ में स्थित होने पर भैरु भादि परिधिमों में तापक्षेत्र का प्रमाण ३२६।३२६ रात्रि का प्रमाण २८६।३१६ सूर्य के बाह्य पथ में रहते दिन रात्रि का । सूर्य के तृतीय पय में स्थित रहते अभ्यन्तर २६०1३१६ वोधी का तापक्षेत्र ३३८३३१ आतप एवं तमक्षेत्रों का स्वरूप २६४।३१ सूर्य के तृतीय पथ में स्थित रहते द्वितीय प्रत्येक आतप एवं तमक्षेत्र की मम्बाई २६५४३१८ बीथी का तापक्षेत्र ३३९४३३२ प्रथम पथ स्थित सूर्य की परिधियों में तृतीय बीथी का तापक्षेत्र ३४०।३१२ तापक्षेत्र निकालने की विधि २६६३१८ चतुर्थ वीपी का तापक्षेत्र ३४१२ प्रथम पथ स्थित सूर्य की क्रमशः दस मध्यम पथ का तापक्षेत्र ३४२।३३२ परिषियों में तापपरिषियों का प्रमाण २१७५३१६ बाझ दौथी का तापक्षेत्र ३४३३३३३ वितीय पथ में तापक्षेत्र की परिधि ३०७४३२१ लवणसमुद्र के छठे भाग में साप क्षेत्र ३४४।३३३ मध्यम पथ में तापक्षेत्र की परिधि ३०८/३२२ योष बाथियों में सापक्षेत्र का प्रमाण ३४५१३३३ प्रमाण
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
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