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विषय गाथा/गृ० सं० । विषय
गाथा पृ०सं० चन्द्र की द्वितीय आदि पथों की
प्रयमादि पयों में मेरु से सूर्य का अन्तर २२८।२६८ परिधिया
१६५/२८१ मध्यम पथ में सूर्य और मेव का अन्तर २३१।२६९ चन्द्र के गगनबण्ड एवं सनका अतिक्रमण
बाह्य पप स्थित सूर्य का मेव से अन्तर २३२।२६६
१८२५ दोनों सूर्मो का पारस्परिक अन्तर २३४५३०० पन्न के वीपी परिभ्रमण का काल १८१।२८५ सूर्यो को अन्तराल बुद्धि का प्रमाण २३६:३०० प्रत्येक बीथी में चन्द्र के एक मुहूर्त-परिमित
सूर्यो का अभीष्ट अन्तराल प्राप्त करने गमनक्षेत्र का प्रमाण १८५४२५६ का विधान
२१७३३०० राह विमान का वर्णन
२०१०२६२ द्वितीयादियों में सूर्यो का पारस्परिक राहओं के भेद २००२९२ मन्तर प्रमाण
२३८।३०१ पूर्णिमा की पहिचान
२०६।३१३
सूर्य का विस्तार प्राप्त करने की विधि २४१३३०२ कृष्ण पक्ष होने का कारण
२०७।२६३ सूर्य-मागों का प्रमाण प्राप्त करने की अमावस्या की पहिचान
२१२२६४ विधि चन्द्र दिवस का प्रमाण
२१३।२६४ पार क्षेत्रका प्रमाण प्राप्त करने की १५ दिन पर्यन्त चन्द्रकला की प्रतिदिन
विधि की हानि का प्रमाण
मेरुपरिधि का प्रमाण २१४।२६४
२४६।३०३
क्षेमा मौर अवध्या के प्रणिधि भागों की मतान्तर से कृष्ण व शुक्ल पक्ष होने का
परिधि कारण २१५५२९५
२४७।३०४
क्षेमपुरी और अयोध्या के प्रणिविभाग चावग्रहण का कारण एवं काल २१६५२९५
में परिधि का प्रमाण
२४८.३०४ सूर्य को संवारभूमि का प्रमाण व
खगपुरी मौर अरिष्टा के प्रणितिभागों अषस्थान २१७१२९५ की परिधि
२४६३०५ सूर्यवोथियों का प्रमाण, विस्तारादि और
चक्रपुरी और अरिष्टपूरो की परिधि २५०11०५ प्रातराल का वर्णन
२१६२६६
खड्गा और अपराजिता की परिधि २५१५३०६ सूर्य की प्रथम बीथी का पौर मेरु के बीच
मंजपा मौर जयन्ता पर्यन्त परिधि मस्तर-प्रमाण २२२२९६ प्रमाण
२५२।३०६ सूर्य की ध्र वराशि का प्रमाण २२२२२६६ औषषिपुर और बैजयन्ती की परिधि २५३१३०६ सूर्यपों के बीच पन्तर का प्रमाण २२३।२९७ विजयपुरी और पुण्डरीकिणो की परिवि२५४१३०७ सूर्य के प्रतिदिन गमनक्षेत्र का प्रमाण २२५।२९७ सूर्य की पम्यन्तर बीपी की परिधि २५५।३०७ मे से वीषियों का अम्तर प्राप्त करने
सूर्य के परिधि प्रक्षेप का प्रमाण २५६।३०७ का विधान २२६।२९८ । द्वितीयादि बीषियों की परिधि
२५३।०८
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