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विषय
षष्ठ महाषिकार
( गाथा १-१०३ पृष्ठ २१५ - २४१ )
मंगलाचरण
१७ अन्तराधिकारों का निरूपण
१. पत्र देव का निवास क्षेत्र
निवास, भेद, स्थान और प्रमाण कूट एवं जिनेन्द्र भवनों का निरूपण
अनुत्रिम जिनेन्द्र प्रतिमाओं की पूजा व्यन्तर भवनों की अवस्थिति एवं संख्या
भवनपुरों का निरूपण
आवासों का निरूपण
२, व्यश्तर वेषों के भेव
३. विविध विह्न वंश्यवृक्ष
जिनेन्द्र प्रतिमाओं का निण
४. भ्यन्तर देवों के कुल मेव ५. मश्म किनर जाति के दस मेद feagरुष जाति के दस भेद
महोरग जाति के दस भेद
गन्धर्व जाति के दस भेत्र
यक्ष देवों के १२ व
राक्षसों के ७ भेद
मूतदेवों के ७ भेद
पिशाचदेवों के १४ भेद
गाथा / पृ० सं०
गणिका महत्तारियों के नाम
व्यक्तरों के शरीर व का निर्देश
[ ५३ ]
१।२१५
२१२९५
५।२१६
६।२१६
१६.२१७
१५।२१८
१८२१९
२१।२१६
२३।२२०
२५।२२०
२७।२२१
३०।२२१
१२।२२२
३४।२२२
३६।२२३
२८१२३
४०।२२४
४२।२२४
४४२२४
४६.२२५
४२२५
५०१२२६
५५।२२६
६ दक्षिण-उसरों का निश
५१।२२७
व्यन्तर देवों के नगरों के माश्रयरूप द्वीप ६०।२२६ नगरों के नाम एवं उनका अवस्थान ६१।२२९ आठों द्वीपों में इन्द्रों का निवास विभाग १२।२२९
विषय
गाथा, पृ० सं०
व्यन्तर देशों के नगरों का वर्णन ६३ २३० व्यन्तरेन्द्रों के परिवार देव ६७।२३१ प्रतीन्द्र एवं सामानिकादि देवों का प्रमाण १९४२३१ सप्त अनीक सेनाओं के नाम एवं प्रमाण ७१ २३२ प्रकीर्णकादि व्यन्तरदेवों का प्रमाण
गणिका महत्तरियों के नगर
नीवोपपाद व्यन्तरदेवों के निवासक्षेत्र
७. व्यन्तर देवों की आयु
८. व्यश्वर देवों का आहार
९. व्यन्तर देवों का उच्छ्वास
१०. व्यन्तर बेयों के अवधिज्ञान का क्षेत्र
११. व्यन्तर देखों की शक्ति
१२. भ्यन्सर वेषों कारसेध
१३ व्यन्तर वेब को संख्या
१४. एक समय में जन्म-मरण का प्रमाण
१५. श्रायुबन्धक भाव,
१६. सम्यस्यग्रहण विधि
१७. गुणस्थानादि विकल्प
व्यन्तरदेव सम्बन्धी जिनभवनों का
प्रमाण
अधिकारान्त मंगलाचरण
मंगलाचरण
सप्तम महाधिकार
( गाथा १-६२४, पृष्ठ २४२-४४२ )
१७ अन्तराधिकारों का निर्देश
. ज्योतिष देवों का निवास क्षेत्र
प्राम्य क्षेत्र का प्रमाण
२. ज्योतिष देवों के मेव
७६।२३३
७८१२३४
८०१२३४
८३।२३५
८७१२३६
८९।२२७
९०।२३७
९२/२३८
९८२३९
९९।२३९
१००।२४०
१०१३२४०
१०१।२४०
१०१।२४०
वासयत्रय से उनका अन्तराल
१०२/२४०
१०३।२४१
१।२४२
२।२४२
५।२४३
६।२४३
७२४४
७१२४४