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________________ [ ३६ ] यदि यें द्वीप या समुद्र की बाहरी सूची Dab तथा अभ्यंतर सूची ( अथवा D गाथा ५/३६ आदि सूची ) Dna प्ररूपित की जावे तो (Dab ) * - ( Dna ) 2. २ (D ( D, संख्या होती है । यहाँ D जम्बूद्वीपका विष्कम्भ है और Dna = D ( - )b है क्योंकि किसी भी द्वीप या समुद्र सूची, नुगामी दीपकीक या माभ्यंतर सूची होती है । श्री पाथा ५/२४२ यहाँ स्थूल क्षेत्रफल निकालने के लिये ग्रंथकार ने का स्थूल मान ३ मान लिया है और नवीन सूत्र दिया है। वक्त द्वीप या समुद्र के क्षेत्र में समा जाने वाले जम्बूद्वीप क्षेत्रों की " में द्वीप या समुद्र का क्षत्रफल = | ( Da-D, ] ( ३ ) * { Du } यहाँ [ Da-D, ] ( ३ ) को धायाम कहा गया है । Dn को n वें द्वीप या समुद्र का विष्कम्भ लिया है । स्मरण रहे कि Do२ (-१)D, लिखा जा सकता है । पुन:, वलयाकार क्षेत्र का क्षेत्रफल निकालने के लिए सूत्र यह हैबादर क्षेत्रफल =Dn [ Dna + Dam + Dab ] यहाँ Dne = [ २{२" - 2 + 2-3 + + २ }+ १ ] D, [ २{२०१+२" + 2-3 + Dob == Dom = Deb + Don २ गापा ५ / २४४ ***** इनका मान रखने पर बादर क्षेत्रफल = २०१D, [ Das + ३ ( •+२+२ }+१ ] D, Dna + Dab ) + Dab ] = ३२ [ २*१] ( D, ) [ २- १ – १ ] यह सूत्र पिछली गाथा के समान है । [ Lois (Apj ) + १ ] वे द्वीप या समुद्र का क्षेत्रफल,
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
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