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तिलोयपण्णती
[ गाथा : ५९
चैत्यवृक्ष
कुल-नाम
शरीरबर्ण
इन्द्रोंके नाम । दक्षिणोत्तरेन्द्रोम न-देवियों के नाम
बल्लभिकाएँ गा० ३३
गणिका
महत्तरी
किम्पुरुष
१./ किन्नर
अशोक
किन्नर
सुस्वरा
सत्पुरुष
२. किम्पुरुष ।
चम्पक
स्वर्ण-सदृश
महापुरुष
महाकाय
३. महोरग
नागद्रम
कालश्यामल
अतिकाय
४.| गन्धर्व
तुम्बरु
स्वर्ण
गीतरति गीतयशा
। दक्षिणेन्द्र अवतंसा, केतुमती २००० मधुरा
मधुरालापा उत्तरेन्द्र रतिसेना,रतिप्रिया २०००
मुंदुभाषिणी दक्षिणेन्द्र रोहिणी, नवमी | २००० पुरुषप्रिया
पुरुषकान्ता उत्तरेन्द्र हो पुष्पवती |२००० सौम्या
पुरुषदर्शिनी दक्षिणेन्द्र भोगा, भोगवती २००० भोगा
भोगवती उत्तरेन्द्र निदिता, पुष्पगं. २००० भुजगा
भुजगप्रिया दक्षिणेन्द्र सरस्वती,स्वरसेना २००० विमला
सघोषा | उत्तरेन्द्र नंदिनी, प्रियदर्शना २००० अनिन्दिता
सुस्वरा दक्षिणेन्द्र कुन्दा, बहुपुत्रा |२००० सुभद्रा
भद्रा उत्तरेन्द्र तारा, उत्तमा |२००० मालिनी
पक्षमालिनी दक्षिणेन्द्र पया, वसुमित्रा |२००० सर्वश्री
सर्वसेना उत्तरेन्द्र रत्नाढया २००० रुद्रा . कंचनप्रभा
रुद्रवती दक्षिणेन्द्र | रूपयती, बहुरूपा २००० भूता
भूतकान्ता उत्तरेन्द्र सुमुखी, सुसीमा महाबाह
भूतरक्ता
...-.
५. यक्ष
कालश्यामल
मणिभद्र पूर्णभद्र
भीम
.
राक्षस
कण्टक
श्यामवर्ण
महाभीम
'
स्वरूप
तुलसी
कालश्यामल
प्रतिरूप
'
काल
-. पिशाच
कदम्ब
कज्जलसदृश
दक्षिणेन्द्र कमला, कमलप्रभा २००० अम्बा
कला २००० रस-सुरसा
सूदर्श निका
महाकाल
उत्तरेन्द्र
उत्पला, सुदर्शना