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________________ २२८ । तिलोयपण्णती [ गाथा : ५९ चैत्यवृक्ष कुल-नाम शरीरबर्ण इन्द्रोंके नाम । दक्षिणोत्तरेन्द्रोम न-देवियों के नाम बल्लभिकाएँ गा० ३३ गणिका महत्तरी किम्पुरुष १./ किन्नर अशोक किन्नर सुस्वरा सत्पुरुष २. किम्पुरुष । चम्पक स्वर्ण-सदृश महापुरुष महाकाय ३. महोरग नागद्रम कालश्यामल अतिकाय ४.| गन्धर्व तुम्बरु स्वर्ण गीतरति गीतयशा । दक्षिणेन्द्र अवतंसा, केतुमती २००० मधुरा मधुरालापा उत्तरेन्द्र रतिसेना,रतिप्रिया २००० मुंदुभाषिणी दक्षिणेन्द्र रोहिणी, नवमी | २००० पुरुषप्रिया पुरुषकान्ता उत्तरेन्द्र हो पुष्पवती |२००० सौम्या पुरुषदर्शिनी दक्षिणेन्द्र भोगा, भोगवती २००० भोगा भोगवती उत्तरेन्द्र निदिता, पुष्पगं. २००० भुजगा भुजगप्रिया दक्षिणेन्द्र सरस्वती,स्वरसेना २००० विमला सघोषा | उत्तरेन्द्र नंदिनी, प्रियदर्शना २००० अनिन्दिता सुस्वरा दक्षिणेन्द्र कुन्दा, बहुपुत्रा |२००० सुभद्रा भद्रा उत्तरेन्द्र तारा, उत्तमा |२००० मालिनी पक्षमालिनी दक्षिणेन्द्र पया, वसुमित्रा |२००० सर्वश्री सर्वसेना उत्तरेन्द्र रत्नाढया २००० रुद्रा . कंचनप्रभा रुद्रवती दक्षिणेन्द्र | रूपयती, बहुरूपा २००० भूता भूतकान्ता उत्तरेन्द्र सुमुखी, सुसीमा महाबाह भूतरक्ता ...-. ५. यक्ष कालश्यामल मणिभद्र पूर्णभद्र भीम . राक्षस कण्टक श्यामवर्ण महाभीम ' स्वरूप तुलसी कालश्यामल प्रतिरूप ' काल -. पिशाच कदम्ब कज्जलसदृश दक्षिणेन्द्र कमला, कमलप्रभा २००० अम्बा कला २००० रस-सुरसा सूदर्श निका महाकाल उत्तरेन्द्र उत्पला, सुदर्शना
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
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