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[ गाया । २७१३-२७१५
मालकांनी वसई सात बार दो, शून्य, नौ और इस अंक क्रमसे जो संस्था उत्पन्न हो उतने योजन मोर एकसो इस्सो भाग अधिक ( ४१०२४७६६१ योजन प्रमाण ) है ।।२७१२ ।।
७२८ ]
( २१३४०३८ - १७८८४२४६४÷२१२ = ५६०२४७२१९ यो० । पद्मा और मंगलवती देशोंको उत्कृष्ट लम्बाई
तिलोयपाती
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तम्मि सहस्सं सोहिय अद्ध कवे बिलीनदीह उक्कस् पम्माए, तह देवय मंगलादिए || २७१३।।
धर्म :- विदेह क्षेत्रकी ( उस ) लम्बाईमें से एक हजार योजन ( सीतोदाकर विस्तार ) कम करके पोषको आधा करनेपर पद्मा तथा मंगलायती देशकी उत्कृष्ट लम्बाईका प्रमाण ज्ञात होता है ।।२७१३॥
तिय-वोच्च-नव-युग अंक' - रुमे जोधपालि भागानि ।
चीन सय पीहं, आविल्लं पचम मंगलाबदिए || २७१४ ||
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२९४६२३ | १६
वर्ष:- पपा और मंगलावती देवोंकी (उपयुक्त उत्कृष्ट अर्थात् ) मादिम लम्बाई तीन, दो, छह, वार, नौ और दो इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन हो उतने योजत और चार कम दोसी अर्थात् एकसौ दधानवं भाग अधिक ( २६४६२३३३३ योजन प्रमाण ) है ।।२७१४।।
२०२९४६२३३१६ योजना |
( १९०२४७१६३ - १०००)
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दोनों देशोंकी मध्यम लम्बाई
नव-तिय-भ-सं- नव-युग-अंक-कमे भाग दु-सय चत्र- रहिषं । मल्लिय दोहसं, पम्माए मंगला दिए || २७१५ ।।
२६००३९ ॥ ३६
अर्थ :- पद्मा और मंगलावती देशको मध्यम लम्बाई नो, तीन, शून्य शून्य, नौ और दो इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न हो उसने योजन और एकसौ छपानी भाग अधिक ( २९००३२३२२
योजन प्रमाण ) है ।।२७१५५
२१४६२३३
1. अंकवकमेण ।
४५८४-२६००३६२३३ योजन ।