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________________ गाया । २९७८-२६८.] बजायो महाहियारो दोनों वदारोंको अन्तिम और मुकच्छादि दो देशोंकी आदिम लम्बाईतिय-मय-चन्णवदगि-पच सा बरवा-- हाहा । को बस्तार - गिरीनं, प्रतिममायो सुकच्छ -विलए ॥२६७।। ४१९६६३ । । प:- उपर्युक्त) दोनों रसार पर्वतोंकी अन्तिम और सुकच्या एवं गंधिसा देशकी प्राविम लम्बाई तीन, नो, छह, मो, एक भोर पाच, इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न हो उससे एकसो पाठ भाग अधिक ( ५१६६३१६ योजन ) है ॥२६७।। ५१९२१६ +४७७.५-५१६६६३० योजन । दोनों क्षेत्रों की मध्यम लम्बाईसत्त-सग-योग्नि-पर-युग-पण भागा अट्ठ-प्रहिय-सयमेत्ता। मग्झिरलय • बोहरा, विजयाए सुकन्छ - गदिलए ॥२६७६॥ ५२४२७७ ।।१६। :-सुकन्छा भोर गन्धिला नामक दोनों क्षेत्रोंकी मध्यम लम्बाई सात, सात, दो, सार, दो मोर पांच, इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न हो उससे एकसी माठ भाग अधिक (५२४२७७११६ योजन प्रमाए) है ॥२६७६।। ५१६६ +४५८४-५२४२७७३१६ योजन । दोनों क्षेत्रोंको अन्तिम पोर दो विभंग नदियों की प्रादिम लम्बाईएक्क-छ-अनुहु-शु-पण असा तं य सुकन्छ - गदिलए । बहपदो चम्मिमासिणि, मतं पारित - बोहत ॥२६८०।। ५२८८९१ | अ:--उन सुकच्छा प्रौर गन्धिला देशोंको अन्तिम तथा द्रहवती और अमिमालिनी विमंग मदियोंकी भादिम लम्बाई एक, छह, आठ, बाउ, दो और पाँच इस अंक क्रमसे जो संस्था प्रसन्न हो उससे एफसी गाठ माग अधिक ( ५२८८९१ योजन प्रमाण ) है ॥२९॥ २२४२७७११६+४५८४४२८८६१३१६ योजन।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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