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________________ १२ ] तिलोयपष्णसी [ गाश : २६६.-२६६३ पपा:-प्रशालका वि.(१७८७६ x २) + १४०० मेरु वि. + १०... पो. मध्यम सूची-११२९१५८ यो फच्छादेशको सूची। कच्छा देशको परिधिविक्तंभस्म य बग्गो, वस-गणियो करणि बट्टए परिही । -छ-नम-प्रज-पण-पग-तिम अंक - कमे सीए परिमानं ॥२६६०॥ ३५५८०६२। मानविङ्गतारके या इससे गुपिता लड का कमाल निकालने पर परिधिका प्रमाण होता है । यहाँ कम्छादेश सम्बन्धी सूचीकी परिधिका प्रमाण अंक-कमसे दो, छह, शून्य, बाठ, पांच पांच और तीन { ३५५८०६२ ) योजन है ।।२६६०।। पक्षा:- ११२५१५८ x १०= कुछ अधिक ३५५८०६२ यो• परिधि । पर्वतरुद्ध क्षेत्रका प्रमाणप्राचार सहस्सा, बाबाल • जमा म जोयगड - सया। एक्कं लक्वं घोड्स - गिरि - रुखमखेत - परिमारणं ॥२६६१।। १७८६४२। मर्ष :-घातकीसह स्थित दोनों मेरु सम्बन्धी (कुलाचल एवं इष्वाकर इन ) पौवह पर्वतोंसे रोके हुए क्षेत्रका प्रमाण एक लाख अठत्तर हजार पाइसौ बयालीस ( १७८८४२ ) योजन (से कुछ अधिक है ॥२६॥ विदेह क्षेत्रका प्रायामसेल - बिसुद्धा परिही, खउसकीय गुगिन' भवसेसं । यो - सम - पारस • भनिने, जंल त विदेह बोहत ॥२६६२॥ गस-बोयन-सस्लानि, बिस-सहस्सं सयं पि इगियालं'। असीवि - जुर • सयंसा, विदेह - बोहत • परिमाणे ॥२६६३॥ १.२०१४ १. ४. ब. उ. गुरिणम्मु । २. द. ... ज. प. ३. सिसहस्ससय कि होदि विधान।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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