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________________ पापा : २४०८-२४११ ] पउत्यो महाहियारो [ ६३६ नौलान्त ऐरावतक्षेत्रादिका क्षेत्रफलभरहावो सिहंता, जेसियमेता हवंति खेतफलं । सं सवं वसव्वं, एसवय • पहुवि । णोलंसं ॥२४०८।। वर्ष :-भरतक्षेत्रसे लेकर निवधपर्वत तक जितना क्षेत्रफल है, वह सब ऐरावतक्षेत्रसे लेकर नीलपर्वत पर्यन्त भी कहना चाहिए R TE ARTS जम्बूद्वीपका क्षेत्रफलअंबर-पण एकक-यक-गव-छप्पण्ण-सुग्ण-णवय सरी । अंक - को परिमाणं, अंगशेषस्स लेतफलं ॥२४०६।। ७६०५६१४१५० । प्रपं:-शून्य. पांच, एक, चार, नो, छह, पाच, शून्य, नौ और सात इस अंक क्रमसे जो संख्या निर्मित हो, उतने योजन प्रमाण जम्बूद्वीपका क्षेत्रफल है ॥२४०६॥ टप:-इसी अधिकारकी गाया के नियमानुसार जम्बूद्वीपका सूक्मक्षेत्रफल गाया १६ से १५ पर्यन्त दर्शाया गया है। जम्बूद्वीपस्थ नदियों की संख्याअठ्ठावीस - सहस्सा, भरहस्स तरंगिणीमो दुग-सहिवा । से दुगुणा 'डुग - रहिदा, हेमा - खेत - सरिया णं ॥२४१०॥ २८००२ । ५६००२। मर्म: भरतक्षेत्रकी नदियां अट्ठाईस हजार दो (२००२) और हेमवतक्षेत्रकी नदियाँ दो कम इससे दूनो अर्थान् छप्पन हमार दो ( ५६००२ ) हैं ।। २४१०।। हेमवर - वाहिणोणे, दुगुणिय • संखा य दुग-विहीवा । हरिरिसम्मि पमाणं, तरंगिणीण व 'गावग्यं ।।२४१॥ ११२००२ । १. १. गणाहिदा । २, ३. क. ज. उ. सामा।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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