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________________ गाथा : २४०३-२४०४] पउत्यो महाहियारो । ६३७ विशेषा:-भरतक्षेत्रका बाए ५२६१ प्रपया 8 योजन और जीवा (गा. १६) mutt योजन है । प्रतएव गापा २४.१ के नियमानुसार भरतक्षेत्रका सूक्ष्मक्षेत्रफल / ७२४६५१३५२२५००००००० -६०२१३३४ योजन । मोट:-वर्गमूल निकालते समय जो अबशेष बचे थे वे छोड़ दिए गए है। हिमवान् पर्वतका सूक्ष्म क्षेत्रफलणव-छयाउ-पम-गयणं, एक पण-दोणि जोयनाभागा । पंचावण - एमक- सया, हिमवंत - गिरिम्मि खेसफलं ॥२४०३१॥ २५१००४६६ | ३६१ प्र -नौ छह, पार, शून्य, शून्य, एक, पांच और दो, इस अंक कमसे जो संख्या निर्मित हो उतने योजन और तीनसौ इकसठसे भाजित एफसी पचपन भाग ( २५१००४६६* योजन) प्रमाण हिमवान् पर्वतका सूक्ष्मक्षेत्रफल है ॥२४०३॥ हैमवतक्षेत्रका सूक्मक्षेत्रफलछन्णव-छग्णभ-एककं, छम-अट्ठ-सतं कमेण भागा य । दु-रहिक-तिम्णि-सयाई, हिमवर • लिविम्मि खेचफलं ॥२४०४॥ ७८६१०९६६ |35 प:-छह, नौ, छह, शून्य, एक, छह, माठ और सात, इस अंक कमसे जो संख्या निर्मित हो उतने योजन और तीनसौ इकसठसे भाजित दोसौ पट्टान भाग ( ७८६१०६६ यो.) प्रमाण हैमवत-क्षेत्रका सूक्ष्म क्षेत्रफल है ।।२४०४।। मोट :-महाहिमवान् पर्वतके सूक्ष्म-क्षेत्रफलको दर्शनेवासी गाथा कोड़ों द्वारा बाई जा ___ पुकी है।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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