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________________ ३८ ] तिलोयपष्णाती [ गाया : १२५-१२८ दिबतिलयं । भूमी, लिलयं गंधश्चपुर बरं ततो। मुसाहर - पइमिस - गाम 'तहग्गिजात • महमाता ॥१२॥ गामेण सिरिणिकर, जयावह सिरिनिवास-मनिषन्जा। "भहस्सा - अनंजय • माहिवा विजय • जयरं ॥२६॥ तह प समषिणि-वेरखबरा-गोपशीरफेणमक्सोभा । गिरिसिहर-घरगि-यारिणिधुग्गाई बुद्धरं सुसमर्थ ॥१२७।। रपणामर-रयमपुरा, उत्तर मेडीस सहि नयरोमो । पियवायामे, विरचित पंसीए निवसति ॥१२॥ ६.। म:- अजुनो, अरुणी, कलास, बारुणी, पवियु प्रभ, "किलकिल, "चूममणि, विक्षिप्रम, पंचाल, "पुष्पचूल, हंसगर्भ, "बलाहक, "शिवकर, श्रीसोब, पमर, शिवमन्दिर, "मुमका, “वसुमती, "सिमार्थपुर, "शत्रुञ्जय, "तुमाल, "मुरपतिकान्त, "गाननन्दन, "मशोक, "विशोक, "वीतशोक, "अलका, “तिलक, "अमरतिलक, "मन्दर, कुमुख, "कुन्द, गगनबस्लम, दिव्यतिलक, "भूमितिलक, "गन्धर्वपुर, "मुक्ताहर, "नैमिष, अग्निम्वाल, महास्वाल, "श्रीनिकेतन, जयावह, श्रीनिवास, मणिवण, भवाव, "धनम्बय, "माहेन्द्र, “विजयनगर, "सुगन्धिनी, वजादतर, "गोक्षीरफेन, 1. ४.. क. ज. प. प. व पणि । २. . . . पर। ३. स.ब. परंतदरा......... प. ... ,, वोरपणमंत्रोभा। . , . , , महोभा। क. ,, साभा।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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