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उत्पो महाहियारा
गाथा:२०२१-२
[ ५५३ सकस्स लोयपाला', सोम - पापो बसंति एसु ।
तेतिय • देवीहि पुरा, गहुविह कौगर कुणमाला' ॥२०२१॥
प:-इन भवनों में उतनी ही वेवियोंसे संयुक्त होकर विविध प्रकारको कोराओंको करनेवाले सौधर्म इन्द्र के सोमादिक लोकपास निवास करते है ।।२०२१॥
नन्दन-वनस्थ बनमा फूटबसभइ-जाम-को, ईसान - बिसाए पदण - पम्मि ।
तस्सुज्नेह • पहुरी, सरिसा सोमणस - फरेण ॥२०२२॥
मर्ग : नन्दनवनके मोतर ईशान-दिशामें बना नामक कट है। इस फूटकी ऊंचाई आदि सोमनस-समन्धी ( बलभद्र ) कूटके सदृश हो है ।।२०१२।।
जिगमंदिर - का, बापो - पासार - देवावं । गामा विष्णासो, सोहम्मोसान - दिस - विभागो य ॥२०२३॥ इय-पहुवि रावण-बने, सोमनस-बणं व होरि हिस्से ।
गरि विसेसो एपको, पास - पहाणि दुगुणाणि ॥२०२४॥
पर्व :-नन्दनवनमें जिनमन्दिर, फूट, वापी, प्रासाद एवं देवतामोंके नाम, विन्यास और सौधर्म एवं ईशानेन्द्रको दिशामॉका विभाग इत्यादिक सर सौमनस-बनके हो महश है। विशेषता केवल यह है कि उनके विस्तार मादिके प्रमाण दुगुनेन्दुगुने है ।।२०२३-२०२४।।
एवं संवेग, नंबर - नाम वर्ष मए भनि ।
एक्स-मुह - एका - जीहो, को सका विस्परं भणिदु ॥२०२५॥
म:-इसप्रकार संक्षेपसे मने नन्दन नामक वकका वर्णन किया है । एक मुख और एक ही बिहावाला कौमसा मनुष्य उसका विस्तारसे वर्णन करने में समर्थ है? { अर्थात् कोई नाही ) २०२५
मदशाल-वनमा वर्णनवंदन - वनाउ हेतु, पंच - सधा जोयखाणि गंतुषं । महासीदि - विषम्य, बेहुवि सिरिभाहसाल - वर्ष ॥२०२६॥
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...ब.क. म. म... ह. मोगपामो। १.१.ब.क.प. य. ना. स. खमाएो।