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________________ ५५२ ] तिलोमपण्णत्तो [ गापा : २०१७-२०२० प्रह- सहस्साग-सब-अरबमा जोयनानि अभागा । । ९५४| | म :- नादमवाम रहित मेरुका विस्तार माठ हजार नौसो पोवन योजन और ग्यारहसे भाजित मह भाग ( ८९५४१ योजन ) प्रमाण है ॥२०१७।। पदाबीस-सहस्सा, ति-सया सोलस-जुग य भट्ट कसा। एकरम'. हिवा परिहो, गंदनवन-विरहिका महिया ।।२०१८॥ । २८३१६ । । म :-सदन बनसे रहित मेकी परिधि भट्ठाईस हमार तीनसो सोलइ योजन और पारड्से भाजित माठ कला अधिक ( २८३१६६योजन ) है ॥२१॥ नन्दमदनस्प प्रवन माणमा - बारणला, गिलवर गंधव-चित्त-गामा म । नवन - बगम्मि भंदर • पासे बचारि पुग्बादी ॥२०१६॥ म:-जम्मनबनके भीतर सुमेषके पास समय: पूर्वाविक दिवाओंमें मानास, पारणाश, गन्ध और चित्र नामक भार भवन भी हैं ।।२०१६।। विभागार्मोह, गंदण - भवनाणि हॉलि युगमामि। सोमणस • पुराहिलो, पुस पिच पन्नग - अवापि ।।२०२०॥ 4:--पूर्वोक्त वर्णनसे संयुक्त ये नन्दन-भवन विस्तार एवं सम्बामि सोमनस-बनके भवनोंसे दुगुने हैं ।२०२०।। 1........... एकारसहित । ..... प... एमाहारस ।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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